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''गलत थीं मुक्केबाज सरिता देवी''

मुक्केबाज सरिता को स्वर्ण पदक नहीं मिला, विरोध जताने पर उन्हें निलंबित तक कर दिया गया। लेकिन यह खिलाड़ी सरिता को ही गलत बता रहा

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 04:16 PM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 05:12 PM (IST)
''गलत थीं मुक्केबाज सरिता देवी''

नई दिल्ली। मुक्केबाज अखिल कुमार का मानना है कि महिला मुक्केबाज लैशराम सरिता देवी अगर अपने विरोध में सही थीं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महांसघ (आईबा) से माफी नहीं मांगनी चाहिए थी। अपनी स्पष्टवादिता के लिए मशहूर अखिल ने कहा- मैंने सरिता की बाउट बाद में देखी थी और मुझे लगता है कि वह अपना मुकाबला जीत गईं थीं। उन्होंने खुद को पराजित घोषित किए जाने के बाद जो विरोध प्रकट किया था वह सही था, लेकिन अगले दिन पोडियम पर उन्होंने जिस तरह कोरियाई मुक्केबाज के गले में अपना पदक पहना दिया था वह कतई सही नहीं था। अगर सरिता को लगता है कि वह अपने विरोध में बिलकुल सही थी तो फिर उन्हें आईबा से यह कहते हुए माफी नहीं मांगनी चाहिए थी कि आइंदा से वह ऐसा नहीं करेंगी। अर्जुन अवॉर्डी अखिल ने कहा- किसी भी खिलाड़ी को अपने फैसले पर अडिग रहना चाहिए तभी जाकर उसका सही संदेश लोगों तक पहुंचेगा। उन्होंने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा- भारतीय खेलों में सचिन से बड़ा खिलाड़ी और कोई नहीं है। उन्हें भी जिंदगी में कई बार गलत आउट दिया गया था लेकिन उन्होंने कभी-भी अंपायरों के फैसले का विरोध नहीं किया और फैसले का सम्मान करते हुए पैवेलियन लौट गए।

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