बाईचुंग भूटिया को उम्मीद, भारतीय फुटबॉल में दिखेगा बदलाव
यह सभी भारतीयों के लिए एक गौरव का क्षण है।
(भूटिया का कॉलम)
भारत में फीफा अंडर-17 विश्व का आयोजन भारतीय फुटबॉल के लिए एक अच्छी खबर है। इससे न सिर्फ देश में फुटबॉल को नई दिशा मिलेगी, बल्कि समाज में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। तीन महीने पहले जब इस टूर्नामेंट के टिकट जारी हुए थे, तभी से हम इस बदलाव को देख सकते हैं। इस देश में सिर्फ यूरोपीय लीग को लेकर ही नहीं, बल्कि भारतीय अंडर-17 टीम को लेकर भी काफी उत्सुकता है।
यह आयोजन भारतीय फुटबॉल में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। टिकटों की बिक्री शुरू हो चुकी हैं और ग्रुप मैच भी तय हो चुके हैं। पहली बार देश में हो रहे इस वैश्विक टूर्नामेंट की अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। अब सिर्फ हैं। इसका मुङो बेसब्री से इंतजार है। ओलंपिक गेम्स और फीफा विश्व कप दुनिया के दो सबसे बड़े आयोजन हैं। फीफा कई साल से महिला और युवा विश्व कप का आयोजन कर विभिन्न देशों में न सिर्फ फुटबॉल की संस्कृति तैयार कर रहा है, बल्कि स्टेडियम, ट्रेनिंग सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है। ट्रेनिंग सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है और स्टेडियम को फिर से तैयार किया जा रहा है।
अपनी अंडर-17 भारतीय टीम की बात करूं तो वह ग्रुप ‘ए’ में अमेरिका, घाना और कोलंबिया के साथ है। उन्हें अपने मैच दिल्ली में खेलने हैं। अमेरिका खिताब का प्रबल दावेदार है, जबकि कोलंबिया और घाना की जूनियर और सीनियर दोनों ही टीमें अच्छी साबित हुई हैं। पूरे देश की निगाहें फुटबॉल की दिग्गज टीमों के खिलाफ भारत के प्रदर्शन पर है। अब यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे अपने प्रभावी खेल से सकारात्मक परिणाम हासिल करें।
मुझे उम्मीद है कि वे सभी की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे और टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इससे कॉरपोरेट दुनिया से लेकर मीडिया, बच्चे और समाज सभी प्रभावित होंगे। यूरोपीय फुटबॉल पहले से ही उनकी सूची मेंशीर्ष पर है और अब भारतीय फुटबॉल के पास मौका है। यह सभी भारतीयों के लिए एक गौरव का क्षण है। मेरा सभी से आग्रह है कि वे इस आयोजन का हिस्सा बनें और दुनिया को दिखा दें कि हम यहां फुटबॉल के लिए हैं और यह खेल यहीं रहने वाला है।
(पीएमजी)