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3 दिन तक इस टेनिस क्वीन को खुद की जीत पर नहीं हुआ भरोसा

1989 में सांचेज ने केवल 17 वर्ष की उम्र में विश्व की शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्टेफी ग्राफ को मात देकर खिताबी जीत हासिल की थी।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 04:18 PM (IST)
3 दिन तक इस टेनिस क्वीन को खुद की जीत पर नहीं हुआ भरोसा
3 दिन तक इस टेनिस क्वीन को खुद की जीत पर नहीं हुआ भरोसा

नई दिल्ली, प्रेट्र। स्पेन की पूर्व स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी अरांता सांचेज ने सोमवार को कहा कि 1989 में फ्रेंच ओपन जीतने वाली सबसे युवा महिला खिलाड़ी होने के एहसास को समझ पाने में मुझे तीन दिन का समय लगा। उस समय स्टेफी अपराजेय थीं।

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सांचेज ने केवल 17 वर्ष की उम्र में उस वक्त विश्व की शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्टेफी ग्राफ को मात देकर खिताबी जीत हासिल की थी और साथ ही इस खिताब को जीतने वाली सबसे युवा महिला खिलाड़ी बनकर इतिहास भी रचा था। हालांकि, सांचेज के इस रिकॉर्ड को मोनिका सेलेस ने तोड़ा। उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में खिताबी जीत हासिल की।

सिंगल्स वर्ग में चार ग्रैंड स्लैम खिताब और छह डबल्स वर्ग के खिताब जीतने वाली 45 वर्षीया सांचेज अपने पहले भारत दौरे पर हैं। उन्होंने इस दौरान, ग्राफ के खिलाफ अपने मुकाबले की यादों को ताजा किया। चार ओलंपिक पदक जीतने वाली सांचेज भारत में ‘रेंडेज वोउस ए रोलां गैरां’ के तीसरे संस्करण के अंतिम चरण के लिए आईं हैं। इसका आयोजन आरके खन्ना टेनिस स्टेडियम में मंगलवार और बुधवार को हो रहा है, जिसमें 16 फाइनिलिस्ट हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय प्रतिभाओं के बारे में सांचेज ने कहा कि ये प्रतिभाएं अद्वितीय हैं।

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