आनंद ने मचाया धमाल, विश्व चैंपियनशिप फिर बराबरी पर
जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, तभी चैलेंजर विश्वनाथन आनंद ने अपने कौशल का शानदार नमूना पेश किया और मंगलवार को गत चैंपियन मैग्नस कार्लसन पर तीसरी बाजी में जोरदार जीत हासिल करते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मुकाबले को एक बार फिर बराबरी पर पहुंचा दिया।
सोच्चि (रूस)। जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, तभी चैलेंजर विश्वनाथन आनंद ने अपने कौशल का शानदार नमूना पेश किया और मंगलवार को गत चैंपियन मैग्नस कार्लसन पर तीसरी बाजी में जोरदार जीत हासिल करते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मुकाबले को एक बार फिर बराबरी पर पहुंचा दिया।
पहली बाजी ड्रॉ छूटने और दूसरी बाजी गंवाने के बाद चैंपियनशिप की होड़ में बने रहने के लिए आनंद के लिए यह बाजी जीतना बेहद जरूरी हो गया था और भारतीय ग्र्रैंडमास्टर ने पिछले कुछ सालों में कार्लसन के खिलाफ खेले गए झिझक भरे मुकाबलों के विपरीत आक्रामक खेल दिखाते हुए अपने भी अंक 1.5 कर लिए। इस जीत के साथ आनंद ने क्लासिक शतरंज में कार्लसन के खिलाफ चार साल के जीत के सूखे को भी समाप्त कर दिया। इन दोनों खिलाडिय़ों के बीच पिछली 14 बाजियों में आनंद की यह पहली जीत है। पांच बार के विश्व चैंपियन ने नॉर्वे के युवा खिलाड़ी के खिलाफ इस प्रारूप में पिछली जीत 2010 में हासिल की थी।
सफेद मोहरों से खेल रहे भारतीय स्टार आनंद ने अपनी शुरुआती चालों से ही साफ कर दिया था कि वह जीत के लिए खेल रहे हैं। भारतीय स्टार ने शुरू से ही कार्लसन को घेरने की रणनीति अपनाई और 17वीं चाल में अपने घोड़े की चाल से कार्लसन को घेर भी दिया था। आलम यह था कि नार्वे के खिलाड़ी को अपनी चाल चलने के लिए आधे घंटे का समय लगा। आनंद की 20वीं चाल मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। यहां से उन्होंने बाजी पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी। कार्लसन ने 28वीं चाल में बड़ी गलती की, जिसका फायदा उठाते हुए आनंद ने 34वीं चाल में बाजी मार ली। बारह बाजियों की चैंपियनशिप में अभी नौ मैच खेले जाने बाकी हैं। कार्लसन अब बुधवार को होने वाली चौथी बाजी में सफेद मोहरों से खेलेंगे।