एक्सक्लूजिव: लंदन ओलंपिक में भाग लेने वाला एथलीट भी जांच के घेरे में
नरसिंह ने खुद को डोप टेस्ट में फंसाने का आरोप लगाया था जिसकी सीबीआइ जांच चल रही है।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। देश के नंबर वन 400 मीटर बाधा दौड़ एथलीट जितिन पॉल के बाद लंदन ओलंपिक में भाग लेने वाला एक भारतीय एथलीट भी डोपिंग के घेरे में फंस गया है। एनआइएस पटियाला में चल रहे एथलेटिक्स के कैंप के दौरान इस एथलीट के कमरे से भी कुछ इंजेक्शन और सीरींज मिली हैं जिसकी जांच की जा रही है।
नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेट्री (एनडीटीएल) में चल रही जांच में एथलीट के कमरे से मिले इंजेक्शन में प्रारंभिक तौर पर मेलडोनियम मिलने की बात सामने आ रही है। यह वहीं प्रतिबंधित ड्रग्स है जिसे पूर्व नंबर वन महिला टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा के अंदर पाया गया था। विश्व डोपिंग रोधक एजेंसी (वाडा) ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधक एजेंसी (नाडा) के अधिकारी ने कहा कि अभी प्रारंभिक स्तर पर जांच चल रही है। अगर मेलडोनियम की पुष्टि हो जाती है तो निश्चित तौर पर इस एथलीट को अस्थायी तौर पर निलंबित किया जाएगा। उसके बाद उनका भी डोप टेस्ट कराने की योजना है। मालूम हो कि हरियाणा के इस एथलीट ने अपनी स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है और 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए शीर्ष छह में जगह बनाई थी।
इससे पहले, नाडा ने दूसरे एथलीट जितिन पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि उनके कमरे से मेलडोनियम के दस इंजेक्शन मिले थे। एक के बाद एक अपने एथलीटों के डोपिंग में फंसने के बाद परेशान भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआइ) ने अपने मुख्य कोच बहादुर सिंह सहित अन्य कोचों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। एएफआइ ने अपने कोचों से पूछा है कि उनके रहते हुए इन एथलीटों के कमरे में प्रतिबंधित पदार्थ कैसे पहुंचे।
यही नहीं एएफआइ को लगता है कि कोचों ने उन्हें अंधेरे में रखा और इससे उसकी छवि खराब हो रही है। एएफआइ के एक अधिकारी ने कहा कि नाडा के अधिकारियों ने एनआइएस पटियाला में जब ये सामान बरामद किया था तब भी कोचों ने हमें इस बारे में नहीं बताया गया। हमें तो मीडिया से यह जानकारी मिली। अगर कोच हमें अपने जवाबों से संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो उन्हें हटाया भी जा सकता है।
पिछले साल रियो डि जेनेरियो ओलंपिक से ठीक पहले पहलवान नरसिंह यादव और गोला फेंक एथलीट इंद्रजीत सिंह समेत कई एथलीट डोप टेस्ट में फेल हो गए थे। यही कारण था कि ये सब ओलंपिक में भाग भी नहीं ले पाए थे। नरसिंह ने खुद को डोप टेस्ट में फंसाने का आरोप लगाया था जिसकी सीबीआइ जांच चल रही है।