'टॉप' स्कीम कमेटी से अलग हुए अभिनव बिंद्रा
व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) से नाता तोड़ लिया है। बिंद्रा ने टॉप्स के चेयरमैन अनुराग ठाकुर को लिखे पत्र में स्कीम को पर्याप्त वक्तदेने में असमर्थता जताते हुए अलग होने की बात कही
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) से नाता तोड़ लिया है। बिंद्रा ने टॉप्स के चेयरमैन अनुराग ठाकुर को लिखे पत्र में स्कीम को पर्याप्त वक्तदेने में असमर्थता जताते हुए अलग होने की बात कही और पत्र की कॉपी ट्वीट कर ये जानकारी सार्वजनिक भी कर दी।
अभिनव ने ऐसे समय टॉप्स को छोड़ा है जब ओलंपिक क्वालीफिकेशन चल रहे हैं और रियो की तैयारियां चरम पर हैं। यही नहीं लगातार विवाद सामने आ रहे हैं और कई एथलीट इस स्कीम से निराश हैं। निश्चित ही इससे इस योजना के साथ-साथ ओलंपिक को लेकर भारत की पदक की तैयारियों पर भी असर पड़ेगा। टॉप्स समिति की पिछले डेढ़ माह से बैठक नहीं हुई है। इस स्कीम को लेकर बहुत ज्यादा शिकायतें हैं और कई एथलीटों को तो तैयारियों के लिए धन भी नहीं दिया जा रहा है। अभिनव इससे पहले भी कह चुके थे कि इस स्कीम में कागजी काम बहुत ज्यादा है। अधिकतर एथलीट इसमें फंस जाते हैं और जब फंड मिलने का समय आता है तब तक बहुत समय बीत चुका होता है। वह इसे और आसान बनाने के पक्ष में थे। हाल ही में निशानेबाज रोंजन सोढी को भी परेशानी का सामना करना पड़ा था और उससे भी अभिनव नाराज थे।
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टॉप्स ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा पदक विजेता खिलाड़ी तैयार करने का लक्ष्य लेकर शुरू की गई है। भाजपा सांसद और बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर इसके चेयरमैन हैं। बिंद्रा ने ठाकुर को लिखे पत्र में कहा कि ओलंपिक में अब बस 10 महीने बाकी हैं और वह पूरी तरह से अपने प्रशिक्षण और तैयारियों में व्यस्त रहने वाले हैं इसलिए वह टॉप्स को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने के बावजूद जहां तक संभव होगा वह खिलाडि़यों की मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे, लेकिन उन्हें लगता है कि टॉप्स में इस वक्तकिसी ऐसे व्यक्तिकी ज्यादा जरूरत है जो उनकी तुलना में ज्यादा योगदान दे सके।