इसलिए प्रसिद्ध था नेपाल का जानकी मंदिर और धरहरा मीनार
जानकी मंदिर नेपाल के जनकपुर के केन्द्र में स्थित एक हिन्दू मंदिर था। यह हिन्दू देवी सीता को समर्पित था। मंदिर की बनावट में हिन्दू-राजपूत वास्तुकला देखने को मिलती थी। यह नेपाल में सबसे महत्त्वपूर्ण राजपूत स्थापत्यशैली का उदाहरण रहा और जनकपुरधाम भी कहलाता था। इसका निर्माण 1895 में आरंभ होकर
जानकी मंदिर नेपाल के जनकपुर के केन्द्र में स्थित एक हिन्दू मंदिर था। यह हिन्दू देवी सीता को समर्पित था। मंदिर की बनावट में हिन्दू-राजपूत वास्तुकला देखने को मिलती थी। यह नेपाल में सबसे महत्त्वपूर्ण राजपूत स्थापत्यशैली का उदाहरण रहा और जनकपुरधाम भी कहलाता था।
इसका निर्माण 1895 में आरंभ होकर 1911 में पूर्ण हुआ था। मन्दिर परिसर एवं आसपास 115 सरोवर एवं कुण्ड हैं, जिनमें गंगासागर, परशुराम कुण्ड एवं धनुष-सागर अधिक प्रसिद्ध थे, लेकिन भूकंप के कारण इस मंदिर में बहुत हानि हुई थी।
टॉवर हुआ जमींदोज
धरहरा नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित थी। 61.88 मीटर की नौ मंजिला यह सीधी मीनार 2005 में आमलोगों के लिए खोली गई थी। नेपाल में यह इमारत वास्तु कला की नायाब उदाहरण थी। यूनस्को ने इस टॉवर को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था। यह टॉवर 1832 में बनकर तैयार हुआ जिसका अनावरण तत्कालीन प्रधानमंत्री भीमसेन थापा ने किया था।
इस मीनार के सबसे ऊंचे स्तंभ तक पहुंचने के लिए 213 सीढ़ियां थीं। यह गोलाकार मीनार थी, लेकिन 25 अप्रैल 2015 को आए भूकंप के कारण काठमांडू की यह ऐतिहासिक धरोहर जमींदोज हो गई।