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सप्तम देवी कालरात्रि का ध्यान मंत्र

नवरात्र में सातवें दिन शक्ति के कालरात्रि रूप का ध्यान किया जाता है, जो तमाम विसंगतियों के बावजूद हमारे जीवन में उम्मीद को जगाये रखने का काम करता है। मां कालरात्रि का तन अंधकार की तरह काला है, वहीं गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह गोल हैं, जिनसे विद्युत की ज्योति चमकती रहती है। उनके श्व

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 08:01 AM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 08:23 AM (IST)
सप्तम देवी कालरात्रि का ध्यान मंत्र

नवरात्र में सातवें दिन शक्ति के कालरात्रि रूप का ध्यान किया जाता है, जो तमाम विसंगतियों के बावजूद हमारे जीवन में उम्मीद को जगाये रखने का काम करता है। मां कालरात्रि का तन अंधकार की तरह काला है, वहीं गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है।

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इनके तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह गोल हैं, जिनसे विद्युत की ज्योति चमकती रहती है। उनके श्वास-प्रश्वास से अग्नि की ज्वालाएं निकलती हैं। इनका वाहन गर्दभ है। भले ही उनका स्वरूप भयानक हो, किंतु उनका यह स्वरूप प्रतीकात्मक अर्थो में हमारे भीतर आशा का संचार करता है। उनका काला रंग और उनके गले में ज्योति-माला हमें जीवन के गहन अंधकार में भी आशा और विश्वास की ज्योति सदैव जलाये रखने का संदेश देती है। ब्रह्मांड के समान उनके नेत्र हमें भेदभाव दूर कर पूरे संसार को समग्रता में देखने की प्रेरणा देते हैं।

आज का विचार

अंधकार से कभी घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि अंधकार से ही प्रकाश का प्रादुर्भाव होता है।

ध्यान मंत्र

ओम् ऐं हृीं क्लीं चामुंडायै विच्चे

ओम् कालरात्रि देव्यै नम:।।

[पं. अजय कुमार द्विवेदी]।

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