चांद पर जाने वालों की रहस्यमय मौत का क्या है राज...
चंद्रमा पर जाने वाले बहुत से वैज्ञानिक एक रहस्यमयी मौत के शिकार हुए हैं और नासा इस मामले की जांच कर रहा है और कुछ तथ्य भी हासिल किए हैं जो बताते हैं कि इनके साथ ऐसा क्यों हुआ।
ऐसे तो पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हार्टफेल या अटैक से होती है। अमेरिका में हर साल करीब 6 लाख लोगों की मौत दिल से संबंधित बीमारियों के कारण होती है। ऐसे में चन्द्रमा पर गए अंतरिक्षयात्रियों की मौत की बात चौंकाने वाली नहीं होती यदि यह पता नहीं होता कि वे सभी एक ही तरह से मौत के शिकार हुए।
जेम्स इरविन को चंद्रमा की यात्रा करने के दो साल बाद पहला हार्ट अटैक 43 साल की उम्र में पड़ा था। उस वक्त नासा के डॉक्टरों ने हार्ट अटैक का अंतरिक्ष यात्रा से कोई संबंध होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया था।
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उन्होंने कहा था कि उड़ान पर जाने से पहले इरविन की टेस्टिंग में सामने आया था कि एक्सरसाइज के बाद कई मौकों पर उनकी हार्ट बीट्स में थोड़ी अनियमितता होती थी। लेकिन 1991 में 61 साल की उम्र में हार्ट अटैक से इरविन की मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि नासा के जिन 77 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो चुकी है, उनमें से जितने लोगों की मौत दुर्घटना में हुई है, उससे करीब पांच गुना अधिक एस्ट्रोनॉट्स की मौत दिल या रक्त वाहिकाओं की समस्या के कारण हुई है। ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि क्या अंतरिक्ष यात्रा का हार्ट अटैक से संबंध है, लेकिन अभी इसके बारे में पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।
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फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के कार्डियोवेस्कुलर फिजियोलॉजी एक्सपर्ट माइकल डेल्प ने इरविन, इवान्स और ऑर्मस्ट्रॉन्ग की मौत के बारे में कहा कि तीनों में एक चीज कॉमन थी, कि वे सभी चंद्रमा पर गए थे।
उन्होंने कहा कि यह बताना कठिन है कि यह तथ्य कितना अहम है क्योंकि सैंपल साइज अभी भी बहुत कम है। कुल 24 लोगों ने अभी तक धरती की कक्षा छोड़ी है और उनमें से सात की मौत हो चुकी है। सिर्फ इरविन, इवान्स और ऑर्मस्ट्रॉन्ग की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। वैज्ञानिक इस गुत्थी को सुलझाने में लगे हैं।
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