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40 हजार लोगों की हड्डियों से सजा है ये चर्च

वैसे तो इस अद्भुत दुनिया में आपको हजारों अद्भुत नजारे देखने को मिल जाएंगे, लेकिन इस दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां इंसानी हड्डियों और कंकालों से चर्च को सजाया गया है। चर्च को देखते ही लगता है कि जैसे यह हड्डियों के ढांचे से ही खड़ा किया

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2015 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2015 10:30 AM (IST)
40 हजार लोगों की हड्डियों से सजा है ये चर्च

वैसे तो इस अद्भुत दुनिया में आपको हजारों अद्भुत नजारे देखने को मिल जाएंगे, लेकिन इस दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां इंसानी हड्डियों और कंकालों से चर्च को सजाया गया है। चर्च को देखते ही लगता है कि जैसे यह हड्डियों के ढांचे से ही खड़ा किया गया हो। चर्च का यह नजारा अपनी एक अलग ही कहानी बयां करता है। इस संसार में कुछ ऐसे भी चर्च है जहा पर हजारों लोगोंं की हड्डियों और कंकालों को सहज कर रखा गया है। यह जगह ऑस्युअरी कहलाती है। सबसे पहले यहां शवों की अस्थाई रूप से कब्र बनाई जाती है। बाद में कुछ सालों बाद उसकी हड्डियां निकालकर यहां चर्च में ऑस्युअरी में रखी जाती हैं।

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आज आपको इसी ऑस्युअरी सीरीज के बारे में बात रहे है। सेडलेक ऑस्युअरी चेक गणराज्य में स्थित है। इसमें करीब 40 हजार लोगों की हड्डियों को कलात्मक रूप से सजा रखा है।

इसकी कहानी शुरू होती है 13वीं शताब्दी से, जब यहां के एक संत हेनरी को पवित्र भूमि,भेजा गया था। 1278 में जब हेनरी वहा से वापस आया तो अपने साथ उस जगह की मिट्टी का एक भरा हुआ जार लाया, जहां की प्रभु यीशु को सूली पे चढ़ाया गया था। उसने वो मिट्टी यहां ला कर एक कब्रिस्तान के उपार डाल दी। उसके बाद वो जगह लोगों को दफनाने की पसंदीदा जगह बन गयी। 14वीं और 15वीं शताब्दी में यहां प्लेग और युद्धों के कारण बहुत अधिक मौतें हुई। और उनमें से अधिकतर को यही पर दफन कर दिया गया। इस तरह यहां कुछ ही समय में बहुत अधिक लोगों को दफना दिया गया जिसे की कब्रिस्तान में जगह ही नहीं बची। तब यहां पर एक ऑस्युअरी बनाने का ख्याल आया। तब यह कार्य वहां के संतों को सौंप दिया जो की कब्र में से हड्डियों को निकाल कर ऑस्युअरी में रख देते। पर 1870 में करीब 40000 लोगों की इन हड्डियों को कलात्मक रूप से सजाया गया। शीघ्र ही यह चर्च अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हो गया। इसे लोग चर्च ऑफ बोन्स के नाम से जानने लगे। आज हर साल इस चर्च को देखने दुनिया भर से 2 लाख से ज्यादा लोग आते है।

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