Move to Jagran APP

बिना हाथ पैर के पैदा हुआ ये लड़का आज बन गया है सबका रोल मॉडल

निकोलस वुजिसिक एक 34 वर्षीय सफल प्रेरक वक्ता हैं जिनके जन्म से ही हाथ-पैर नहीं हैं। कई डॉक्टर भी उनके इस विकार को सुधारने में असफल रहे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 10:24 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 09:58 AM (IST)
बिना हाथ पैर के पैदा हुआ ये लड़का आज बन गया है सबका रोल मॉडल
बिना हाथ पैर के पैदा हुआ ये लड़का आज बन गया है सबका रोल मॉडल

जब कभी भी हमारी जिंदगी में कठिनाई का दौर आता है हम अपनी जिंदगी से बेहद निराश हो जाते हैं जबकि सुख और दुख तो जीवन का हिस्सा है। लेकिन आज जिस शख्स के बारे में हम आपको बता रहे हैं उनके बारे में जानकर तो आप अपने जीवन से निराश होना ही छोड़ देंगे।

loksabha election banner

निकोलस वुजिसिक एक 34 वर्षीय सफल प्रेरक वक्ता हैं जिनके जन्म से ही हाथ-पैर नहीं हैं। कई डॉक्टर भी उनके इस विकार को सुधारने में असफल रहे। जन्म से ही ऐसा जीवन बिताना उनके लिए चुनौतियों भरा रहा। कई बार कुछ प्रश्न भी अक्सर उन्हें परेशान किया करते थे, कि वे दूसरों से अलग क्यों हैं, क्या उनके जीवन कोई उद्देश्य भी है या नहीं। लेकिन उन्होंने कभी इस जीवन से हार नही मानी और हमेशा आम लोगों की तरह जिंदगी को जीने की कोशिश करते रहे।

कई देशों की यात्रा कर चुके निक ने 19 साल की आयु में अपना पहला भाषण दिया। वे अपनी प्रेरणादायी बातों से लोगों को प्रेरित करते हैं। विश्वभर में निक के करोड़ों अनुयायी हैं, जो उन्हें देखकर प्रेरित होते हैं। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। 2007 में निक ने ऑस्ट्रेलिया से दक्षिण कैलिफ़ोर्निया की लंबी यात्रा की, जहां वे इंटरनेशनल नॉन-प्रॉफिट मिनिस्ट्री, लाइफ विथआउट लिम्बस के अध्यक्ष बने। अपनी इस बहादुरी के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलियन यंग सिटीजन अवार्ड भी जीता।

आज वे एक लेखक, संगीतकार, कलाकार हैं और साथ ही फिशिंग, पेंटिंग और स्विमिंग का भी शौक रखते हैं। वे सामान्य व्यक्ति की ही तरह गोल्फ और फुटबॉल खेलते हैं, तैराकी और सर्फिंग करते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा प्रभावित करने वाली बात यह है कि उनका जीवन के प्रति नजरिया और खुशी दुनिया को जिंदगी जीने का तरीका सिखा रही है।

जहाँ हम छोटी-छोटी बातों से परेशान और हताश हो जाते हैं वहीं निक वुजिसिक जैसे लोग हर पल यह साबित करते रहते है कि असंभव कुछ भी नहीं है। जिंदगी द्वारा दी गई हर चीज को खुलेमन से स्वीकार करना चाहिए, चाहे वे मुश्किलें ही क्यों ना हों। मुश्किलें ही वो सीढिय़ां हैं जिन पर चढ़कर कामयाबी और खुशी मिलती है।

यह भी पढ़ें: बोझ नही भगवान का वरदान है बेटियां, अंगदान कर पिता को दिया नव जीवन

बिना किसी प्रसव पीड़ा के नींद में मां ने दिया बच्चे को जन्म


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.