आवारा कुत्तों को मिला रोजगार
दिल्ली में अब कुत्ते भी बेरोजगार नहीं रहेंगे। दिल्ली नगर निगम ने यहां के आवारा कुत्तों को उस काम के लिए प्रशिक्षित करना शुरू किया है जिसमें वे सबसे माहिर माने जाते हैं। निगम की योजना अनुसार मध्य दिल्ली के पाकरें की पहरेदारी की जिम्मेदारी आवारा कुत्तों को दी जाएगी। इस योजना को अंजाम देने के लिए गार्ड और डॉग ट्रेनर की एक ट
दिल्ली में अब कुत्ते भी बेरोजगार नहीं रहेंगे। दिल्ली नगर निगम ने यहां के आवारा कुत्तों को उस काम के लिए प्रशिक्षित करना शुरू किया है जिसमें वे सबसे माहिर माने जाते हैं। निगम की योजना अनुसार मध्य दिल्ली के पाकरें की पहरेदारी की जिम्मेदारी आवारा कुत्तों को दी जाएगी।
इस योजना को अंजाम देने के लिए गार्ड और डॉग ट्रेनर की एक टीम नियुक्त की गई है। जल्द ही इस टीम की पाठशाला में कई कुत्ते भाग लेंगे।
इस योजना के पहले कदम के तहत लोधी गार्डन के कुत्तों को निगम की टीम द्वारा पेडिग्री खिलाई जा रही है। टीम का कहना है कि यह इन कुत्तों से जान-पहचान और दोस्ती बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
अभी इस प्रक्त्रिया को शुरू किए हुए कुछ ही दिन बीते हैं और अब हम कुछ कुत्तों को पहचानने लगें हैं। हम यहां के चौकीदारों का कुत्तों के साथ दोस्ती बढ़ाने में मदद कर रहें हैं। यह कहना है एल आर यादव का जिन्हें निगम ने कुत्तों को ट्रेन करने के लिए नियुक्त किया है।
यादव 30 साल से कुत्तों को ट्रेनिंग दे रहें हैं। वे एसपीजी के डॉग स्कॉड में काम कर चुके हैं। उनका कहना है की यहां के चौकीदारों और कुत्तों में जान पहचान बढ़ाने में 15-20 दिन लग जाएंगे।
वे बताते हें कि, इस बाग में कुल 18 कुत्तें हैं जिनमें से 7-8 ने हमारी बातों पर प्रक्त्रिया देना शुरू कर दिया है। ये कुत्ते इस बाग में लंबे समय से रह रहें हैं और इन्हें यहां सुबह शाम सैर करने वाले लोगों की पहचान है। इनके प्रशिक्षण की प्रक्त्रिया को तेज करने के लिए इनके खाने और रहने की उचित व्यवस्था की गई है।
यादव का कहना है कि इन कुत्तों की पूरी ट्रेनिंग में 3-4 महीने लग जाएंगे। वे बताते हैं कि सभी कुत्तों का टीकाकरण किया गया है और इनकी पूरी चिकित्सीय जांच की जा रही है।