ट्रेन चालक को जगाएगी स्मार्ट ड्रेस
अब ट्रेन के चालक को नींद आई तो ड्रेस ही उसे जगा देगी। उसने शराब पीकर ट्रेन चलाई तो मुख्यालय पर तुरंत संदेश पहुंच जाएगा।
भिवानी। अब ट्रेन के चालक को नींद आई तो ड्रेस ही उसे जगा देगी। उसने शराब पीकर ट्रेन चलाई तो मुख्यालय पर तुरंत संदेश पहुंच जाएगा। धुंध के सीजन में सिग्नल दिखाएगी तो भारी गर्मी से राहत देने के लिए ड्रेस ठंड का अहसास कराएगी। भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसी पहली ड्रेस बन रही है जो चालक आराम से पहनकर खुद व हजारों यात्रियों की सुरक्षा कर सकता है। भिवानी के टीआइटी कॉलेज के इंजीनियरिंग के छात्रों व प्राध्यापकों के इस प्रोजेक्ट को रेलवे डीजल लोको मोटिव शेड तुगलकाबाद ने भी अस्थायी अनुमति प्रदान की है।
ड्रेस की खासियत
- रेलगाड़ी में आग लगी तो ड्रेस सचेत करेगी
- धुंध में 800 मीटर पहले रेलमार्ग पर लगे लाइट सिग्नल बताएगी।
- चालक ने शराब या अन्य नशा किया तो मुख्यालय के नजदीकी स्टेशन पर मैसेज करेगी।
- दिमाग व धड़कन को भी यह ड्रेस मॉनीटर करेगी।
- धोने लायक है और इसमें कहीं भी वायर का उपयोग नहीं
- ड्रेस छह सेंसरों से नियंत्रित होती है।
कौन-कौन से हैं सेंसर
- इंफ्रारेड सेंसर- लाइट सिग्नल की जानकारी देगा
- स्मोक सेंसर- गाड़ी में आग लगने की जानकारी देगा
- अलकोहल सेंसर-चालक के नशे की जानकारी देगा
- शेष तीन सेंसर गोपनीय हैं। इनके अलावा एलईडी, बजर व वाइब्रेटर का इस्तेमाल किया गया है, जो चालक को जगाने का कार्य करेंगे।
कैसे जागेगा चालक
चालक को नींद का झटका आते ही सेंसर सबसे पहले वाइब्रेटर को वाइब्रेट करेगा। फिर भी न जागने पर बजर बजना शुरू हो जाएगा। फिर भी नहीं जागने पर पिन्स हाथों में चुभना शुरू हो जाएंगी। इसके बावजूद चालक पर कोई असर नहीं पड़ता है तो मुख्यालय को संदेश चला जाएगा और गाड़ी धीमी हो जाएगी।
सुपरफास्ट ट्रेन 800 मीटर और एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनें 450 मीटर पर जाकर रुक जाएगी। ये ड्रेस वीसीडी से कनेक्ट होगी। वीसीडी ट्रेन के चालक केबिन में लगा होता है।
गर्मी में होगा ठंडक का अहसास
डॉ. केएन चटर्जी व सहायक प्रोफेसर तरुण ग्रोवर ने इस ड्रेस को वातानुकूलित बनाया है। डॉ. चटर्जी बताते हैं कि कपड़े में मेटा पेरीजम की विशेष टाइप का मैटेरियल एड किया जाता है। कपड़ा फेस चेजिंग मैटेरियल बन जाता है। इससे कपड़ा सर्दी में गर्मी का अहसास कराता है और गर्मी में ठंड का अहसास कराता है। इस कपड़े को तैयार करने पर करीब तीन हजार रुपये और इलेक्ट्रानिक आइटमों पर लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आता है।
इस रक्षा प्रोजेक्ट को इन्होंने किया तैयार
टीआइटीएस के प्रोफेसर डॉ. असीम खंडूल, सहायक प्रोफेसर एसके झा, प्रोजेक्ट इंचार्ज विशाल अत्री, रोहित गोयल, सुमित कुमार, मनु शर्मा व भारत वर्मा ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट हेड प्रोफेसर कमल सरदाना हैं।
गर्भवती महिलाओं व उनके बच्चों की धड़कन भी बता सकती है ड्रेस
भविष्य में यह ड्रेस गर्भवती महिलाओं व उनके पेट में पल रहे बच्चों की धड़कन भी बताएगी। सबसे बड़ी बात इस आधुनिक स्मार्ट ड्रेस के लिए बिजली या किसी अन्य सहायक यंत्र की आवश्यकता नहीं है। इसके रखरखाव में भी कोई परेशानी नहीं होगी। यह किसी भी व्यक्ति के शरीर को भी मॉनीटर करेगी और इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
बलवान शर्मा
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