खुद के अपहरण का नाटक
शंघाई। होमवर्क न करना पड़े, इसके लिए बच्चे कैसे-कैसे बहाने बनाते हैं। कई बार इसी क्रम में बच्चों द्वारा आजमाई गई शरारतें अभिभावकों के लिए आफत बन जाती हैं। यहां के एक पुलिस स्टेशन में एक परिवार ने अपनी 13 साल की बच्ची के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन 30 घंटों बाद पता चला कि वह अपहरण नहीं एक नाटक था, जिसे
शंघाई। होमवर्क न करना पड़े, इसके लिए बच्चे कैसे-कैसे बहाने बनाते हैं। कई बार इसी क्रम में बच्चों द्वारा आजमाई गई शरारतें अभिभावकों के लिए आफत बन जाती हैं। यहां के एक पुलिस स्टेशन में एक परिवार ने अपनी 13 साल की बच्ची के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन 30 घंटों बाद पता चला कि वह अपहरण नहीं एक नाटक था, जिसे बच्ची ने स्कूल होमवर्क नहीं पूरा करने के खुद रचा था। हुआ यूं कि यह बच्ची हमेशा स्कूल जाने और होमवर्क करने से कतराती थी। इस बार जब उसे छुट्टियों के दौरान काम ज्यादा मिला तो वह घर से निकल गई। शाम तक नहीं लौटने पर माता-पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई। घंटों की मशक्कत के बाद वह शहर के बस स्टॉप पर मिली। बच्ची से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसे कोई नकाबपोश शख्स कार में उठा ले गया था। सभी यह सुन डर गए। हालांकि बयानों में विरोधाभास होने से जब पुलिस ने थोड़ा डराया तो उसका झूठ सामने आ गया।