सभी 25000 परीक्षार्थी फेल हो गए
किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन लेना हर विद्यार्थी का सपना होता है। एडमिशन के लिए टेस्ट लेते हुए विद्यार्थी परेशान होते हैं कि कहीं वे फेल न हो जाएं। ऐसा कभी नहीं होता कि कॉलेज परेशान हो कि टेस्ट के लिए आए सारे बच्चे फेल न हो जाएं और उनका कॉलेज खाली न रह जाए। लेकिन अपवादों की कड़ी में दुनिया में ऐसा भी एक अपवाद आ ही गया जब देश के सबसे प्रतिष्ठित और पुराने कॉलेज में दाखिले के लिए आए सभी 25 हजार परीक्षार्थी फेल हो गए।
किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन लेना हर विद्यार्थी का सपना होता है। एडमिशन के लिए टेस्ट लेते हुए विद्यार्थी परेशान होते हैं कि कहीं वे फेल न हो जाएं। ऐसा कभी नहीं होता कि कॉलेज परेशान हो कि टेस्ट के लिए आए सारे बच्चे फेल न हो जाएं और उनका कॉलेज खाली न रह जाए। लेकिन अपवादों की कड़ी में दुनिया में ऐसा भी एक अपवाद आ ही गया जब देश के सबसे प्रतिष्ठित और पुराने कॉलेज में दाखिले के लिए आए सभी 25 हजार परीक्षार्थी फेल हो गए। जंगल में आग की तरह यह खबर राष्ट्रपति तक भी पहुंच गई और राष्ट्रपति को ड्रा के आधार पर कुछ बच्चों का एडमिशन लेने की अनुशंसा करनी पड़ी।
अफ्रीका के प्रतिष्ठित लाइबीरिया विश्वविद्यालय ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि ऐसा भी दिन आएगा जब उसके पास एडमिशन के लिए बच्चे नहीं होंगे। विश्वविद्यालय को यह दिन इसलिए देखना पड़ रहा है क्योंकि इसमें प्रवेश के लिए ली गई परीक्षा में सभी 25000 परीक्षार्थी फेल हो गए हैं। 1862 में स्थापित हुआ यह विश्वविद्यालय आज अफ्रीका का सबसे प्रतिष्ठित और पुराना विश्वविद्यालय माना जाता है।
कॉलेज का कहना है कि सभी विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा की समझ न होने के कारण पास नहीं हो सके। गौरतलब है कि 1990 में अफ्रीका में गृहयुद्ध की स्थिति थी और आज भी यहां लोग उसके प्रभाव से बाहर नहीं आ पाए हैं। इसका असर शिक्षा पर बहुत ज्यादा पड़ा। सरकारी स्तर पर भी शिक्षा स्तर के सतही होने और इसमें सुधार की बार कही गई थी लेकिन टेस्ट में सभी 25 हजार परीक्षार्थियों के फेल हो जाने से सभी स्तब्ध हैं। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन से 1800 विद्यार्थियों को ड्रा के आधार पर दाखिला देने की अनुशंसा की है।
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