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दुनिया के अजीबोगरीब शहर : कहीं है बूढ़ों का डिज्‍नी तो कहीं है स्‍लम सिटी

आपने देखा है कोई शहर जहां जिंदा लोगों से ज्‍यादा मुर्दे दफ्न हों या कहीं का हर नागरिक हो आध्‍यात्‍मिक हो। चलिए आपको कराते हैं कुछ ऐसे ही कुछ अजीबो गरीब शहरों से रूबरू।

By molly.sethEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 04:24 PM (IST)
दुनिया के अजीबोगरीब शहर : कहीं है बूढ़ों का डिज्‍नी तो कहीं है स्‍लम सिटी
दुनिया के अजीबोगरीब शहर : कहीं है बूढ़ों का डिज्‍नी तो कहीं है स्‍लम सिटी

 

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सबसे घना शहर 

चीन का कालून शहर 16वीं शताब्‍दी में एक सैनिक बस्‍ती के रूप में स्‍थापित किया गया था। ये शहर सिर्फ 6.5 एकड़ के क्षेत्र में बसा है। जबकि यहां रहने वालों की तादात 40 से 50 हजार के बीचहै। इसीलिए इसे दुनिया का सबसे घना बसा नगर कहा जाता है। 1898 में ब्रिटेन के कब्‍जे में जाने के बाद 1947 में ये वापस चीन के अधिकार में तो आया पर 1990 तक दोनों देशों के बीच तना तनी में फंसा रहा। इसके चलते यहां आपराधिक दलों का वर्चस्‍व बढ़ने लगा जिसके बाद साल 1991 में चीन ने इसे पुर्नविकसित करके 1995 तक घनी झुग्‍गियों से उबार कर वर्तमान स्‍वरूप दिया। 

बुजुर्गों का डिज्‍नीलैंड

न्यूयॉर्क के पास बसे इस शहर का अन ऑफीशियल नाम है डिज्नी वर्ल्ड फॉर ओल्ड पीपल्स क्‍योंकि इस शहर में सिर्फ बुजुर्गों को रहने की अनुमति है। इस शहर में 55 साल से ऊपर की उम्र वाले करीब 1 लाख लोग रहते हैं। रिटायरमेंट के बाद रहने के लिए ये अमेरिकियों की पहली पसंद है। 34 गोल्फ कोर्स, 9 कंट्री क्लब्स कई रेस्टोरेंट और बार से समपन्‍न इस शहर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यहां प्रति 10 के ऊपर औसतन सिर्फ 1 महिला शहरी है। 

स्‍लम सिटी 

मिश्र के इस शहर को वहां की राजधानी काहिरा के लिए कूड़ादान बना दिया गया। 2009 में बढ़ती गंदगी की समस्‍या से काहिरा को उबारने के लिए वहां का कूड़ा इस शहर में लाकर डाला जाने लगा। इसीलिए इस जगह को स्लम सिटी बुलाया जाने लगा। इस शहर में करीब 60 हजार लोग रहते हैं। शहर के हर इंच पर कूड़ा पटा पड़ा है। इससे पहले साल 2008 में स्वाइन फ्लू का मुकाबला करने के लिए शहर के करीब साढ़े 3 लाख सुअरों को मार डाला गया था।

अध्यात्म प्रेमियों का शहर

न्‍यूयॉर्क में लिली डेल नाम का एक शहर है। इस करीब 275 नागरिकों वाले नगर में रहने वाले सभी लोग अध्यात्म से जुड़े हुए हैं। सारे देश से हर साल 22 से 25 हजार लोग इनसे अध्यात्मिक शिक्षाएं लेने आते हैं। मजेदार बात ये है कि इन 275 लोगों के लिए यहां पोस्ट ऑफिस, फॉयर डिपार्टमेंट, लाइब्रेरी और म्यूजियम जैसी सभी सुविधाये हैं। 

सबसे जहरीला शहर

जापान का मॉउंट ओयामा शहर मियाकी जिमा आईलैंड मे है। यहां की जनसंख्‍या लगभग 2800 है। ये शहर टोक्यो से 110 मील की दूरी पर है। यह शहर इंसानों के लिए बेहद असुरक्षित है। यहां जहरीली गैसों का इतना गहरा असर है कि लोगों की मौत तक हो जाती है। जब यहां हवा में विष का स्‍तर बेहद हाई हो जाता है लोगों को सर्तक करने के लिए साइरन बजा कर घरों के अंदर रहने की चेतावनी दी जाती है। 

अंडरग्राउंड शहर

ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड से 846 किमी दूर स्‍थित है कूबर शहर इसकी खोज 1915 में हुई थी। ये शहर जमीन के अंदर बसा हुआ है। दरसल गर्मी से परेशान होने के बाद लोगों को ख्‍याल आया की क्‍यों ना जमीन के नीचे रहा जाए ताकि सूरज के प्रंचड ताप से बचा जा सके औश्र ये नगर विकसित किया गया। जमीन के अंदर रहने के बावजूद यहांका लाइफ स्‍टाइल किसी भी मंहगे बड़े शहर से कम नहीं है। बल्‍कि इस जगह पर चर्च, स्टोर, गैलरी, होटल और भव्‍य मेंशंस तक सभी तमाम लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं। इस जगह पर हॉलीवुड की कई बड़ी फिल्‍मों की शूटिंग भी हुई है।

ब्‍लू सिटी 

जैसे हिंदुस्‍तान में जयपुर को पिंक सिटी भी कहा जाता है क्‍योंकि किसी समय में यहां के ज्‍यादातर घरों की दीवारें गुलाबी थीं। उसी तरह मोरोक्‍को का चेफचॉवेन नाम का शहर नीला या ब्‍लू सिटी कहलाता है। ये मोरोक्‍को का सबसे खूबसूरत शहर भी है। यहां घरों से लेकर हर चीज नीली है। इस शहर को 1930 में यहूदी विस्थापितों ने बसाया था। ये मोरोक्‍को के मशहूर टूरिस्‍ट डेस्‍टिनेशंस में से एक है और इसी लिए यहां करीब 200 होटल हैं जो पर्यटकों का वेलकम करते हैं। 

ये मुर्दो का गांव 

जी हां आपने कबीर का वो दोहा पढ़ा है ना साधो ये मुर्दों का गांव उसका संदर्भ इस अमेरिकी शहर से भले ही अलग था पर ये भी मुर्दों का ही गांव कहा जा सकता है। अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को के पास बने कोलमा नगर में जिंदा लोगों से कई गुना लोग दफन है। बताते हैं कि साल 1900 के आसपास जब सैन फ्रांसिस्को में लोगों को दफनाने की जगह कम पड़ गई, तो वहां मरने वालों को यहां लोग दफनाया जाने लगा। वर्तमान समय में कोलमा की आबादी 1800 के आसपास है, जबकि 1.5 मिलियन लोगों की यहां कब्रें मौजूद है। यही कारण है कि इसे ‘सिटी ऑफ सोल’ और ’सिटी ऑफ द साइलेंट’ नाम से भी जाना जाता है।


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