22 साल की गुलामी के बाद मां से मिला बेटा
अपनों से बिछडऩे के गम क्या होता है यह तो वही जान सकता है जिसने यह महसूस किया हो। म्यांमार का यह शख्स पूरे 22 साल तक गुलामी ककी जिंदगी बिताने के बाद अपनी मां से मिला।
अपनों से बिछडऩे के गम क्या होता है यह तो वही जान सकता है जिसने यह महसूस किया हो। म्यांमार का यह शख्स पूरे 22 साल तक गुलामी की जिंदगी बिताने के बाद अपनी मां से मिला।
दरअसल, मिंट नैंग नाम का शख्स 1993 में म्यांमार से निकलकर थाइलैंड में काम करने जा रहा था। लेकिन उसे इंडोनेशिया में पकड़कर गुलाम बना लिया गया। उसे समुद्री जहाज में बंधक बनाकर रखा गया था।
इस दौरान उसे सालों तक क्रूर यातनाएं दी जा रही थी, उसे बांध के रखा जाता था और जमकर काम भी करवाया जाता। इस दौरान वह जब भी वह मां से मिलने की बात करता, उसे गुलाम बनाने वाले खूब पीटते। कई बार उसकी पिटाई ऐसी होती थी कि उसे लगता था वह मर ही जाएगा। गुलामी का कोई भी दिन ऐसा नही गया जिस दिन उसने अपनी मां से मिलने की दुआ न की हो। उसने कहा कि धीरे-धीरे ऐसा लगने लगा जैसे कि उसके दिमाग में मां की छवि कुछ धुंधली होने लगी है। वह जहाज पर कई बार कैप्टन का पैर पकड़कर घर जाने की भीख मांगा करता था लेकिन उसे जान से मार देने की धमकी मिलती थी। इसके बाद वह अपनी जिंदगी के बारे में सोचकर बेचैन हो जाता था।
लेकिन सालों गुलाम बने रहने के बाद एक दिन वह अचानक वहां से भाग निकला हालांकि भागने के बाद उसे काफी दिन उसे जंगल में बिताने पड़े।
हालांकि वास्तविकता यह है कि इंडोनेशिया और आसपास के इलाकों में हर साल मिंट की तरह और भी सैकड़ों लोगों को पकड़कर गुलाम बना दिया जाता है। खराब माहौल में उनसे काम कराया जाता है और क्रूर यातनाएं दी जाती हैं। जिसकी वजह से मिंट का दायां हाथ खराब हो गया है। लेकिन परिवार से मिलने के बाद अब उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही है।