यहां पिंजरे में रहते हैं इंसान
क्या आपने कभी इंसानों को जानवरों के पिंजरे में रहते हुए देखा है। आप सोच रहे होंगे भला इंसान पिंजरे में कैसे रह सकता है।
क्या आपने कभी इंसानों को जानवरों के पिंजरे में रहते हुए देखा है। आप सोच रहे होंगे भला इंसान पिंजरे में कैसे रह सकता है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं हांगकांग की यहां लोग पिंजरों में रहते हैं। गौरतलब है कि हांगकांग अपनी लाइफस्टाइल के लिए विख्यात है। लेकिन यहां के गरीब लोगों की लाइफस्टाइल कुछ अलग है। वे पिंजरों में रहने को मजबूर हैं। ये लोग महंगे घर नहीं खरीद सकते। इस कारण गरीब लोग लौहे के पिंजरों में रहते हैं। ये पिंजरे एक छोटे केबिन के आकार के होते हैं। ये लोहे के पिंजरे भी आसानी से नहीं मिलते। इसके लिए भी इनको कीमत अदा करनी पड़ती है। एक पिंजरे के लिए इन लोगों को 11 हजार रूपए चुकाने पड़ते हैं। इस तरह के पिंजरों में लगभग 1 लाख लोग रह रहे हैं। ये पिंजरे खण्डहर हो चुकी इमारतों में रखे जाते हैं। इनमें भी अपार्टमेंट बने हुए हैं। हर अपार्टमेंट में 100-100 लोग रहते हैं।