आलसी डाकिए को जेल में मिला आराम
आलस्य को दूर भगाने की शिक्षा बचपन से ही हमें शायद इसलिए दी जाती है कि भविष्य में हम अपने दायित्व के निर्वाह में कोताही न बरतें।
न्यूयॉर्क। आलस्य को दूर भगाने की शिक्षा बचपन से ही हमें शायद इसलिए दी जाती है कि भविष्य में हम अपने दायित्व के निर्वाह में कोताही न बरतें। यहां के इस डाकिए को शायद यह सीख नहीं मिली थी, तभी तो इस खामी के चलते उसे जेल जाना पड़ा। दरअसल पत्रों को घर-घर पहुंचाने की अपनी ड्यूटी को ये महाशय आलस्य के चलते नहीं पूरी कर पाए। करीब 45 हजार पत्रों को उनके ठिकाने पर पहुंचाने की बजाय अपने घर में ही बनाए विशेष गोदाम में जमाकर ठिकाने लगाते रहे। क्षेत्र के लोगों को जरूरी दस्तावेज डाक द्वारा न मिलने पर शिकायतें हुईं। विभाग द्वारा जांच बैठा दी गई। तब जाकर इस आलसी डाकिए की करामात का पता चला। फिलहाल डाक विभाग खेद प्रकट करते हुए अब सारे पत्रों को सही पते पर पहुंचाने में लगा है। अब डाकिया बाबू छह महीने के लिए जेल की सीखचों के पीछे रहेंगे। शायद जेल का आराम उन्हें रास आ जाए।