इनका कारनामा सुन हैरान हो जाएंगे आप
घर हो या बाहर कड़ाही में कुछ भी तलते समय हमें चम्मच यह कलछी की जरूरत होती है। खुले तेल में तलते समय बहुत संभलकर कार्य करना पड़ता है क्योंकि जरा सी लापरवाही पर हम जल सकते हैं। लेकिन इलाहाबाद में रहने वाले रामबाबू का कारनामा सुन आप हैरान हो जाएंगे।
घर हो या बाहर कड़ाही में कुछ भी तलते समय हमें चम्मच यह कलछी की जरूरत होती है। खुले तेल में तलते समय बहुत संभलकर कार्य करना पड़ता है क्योंकि जरा सी लापरवाही पर हम जल सकते हैं।
लेकिन इलाहाबाद में रहने वाले रामबाबू का कारनामा सुन आप हैरान हो जाएंगे। राम बाबू को कड़ाही में किसी चीज को तलने के लिए चम्मच या कलछी की आवश्यकता नही होती है वह अपने हाथ से ही यह काम करते रहते हैं। राम बाबू सड़क किनारे ठेले पर खौलते हुए तेल में नंगे हाथ डालकर पकौड़े बनाता है।
राह चलते सैकड़ों लोग राम बाबू से चाहे कुछ खरीदते न हों, लेकिन उस रास्ते से गुजरने वाला हर शख्स एक बार राम बाबू को देखने जरूर आता है। राम बाबू बिना किसी चम्मच और कलछी के, नंगे हाथों से पकौडे तलता है।
60 वर्षीय राम बाबू जिस खौलते तेल में हाथ डालता है, उसका तापमान 200 डिग्री सेल्सियस होता है। राम बाबू पिछले 40 साल से पकौड़े नंगे हाथों से ही तलते आ रहा है। यही नहां, आजतक कभी भी उसके हाथों में एक छाला तक नहीं पड़ा।
राम बाबू का कहना है कि लोग दूर-दूर से ये देखने आते हैं कि आखिर वह नंगे हाथों से पकौड़े कैसे तलता है। राम बाबू ने इसकी कहानी बताते हुए कहा कि एक दिन उसके ठेले पर खरीदारों की काफी भीड़ थी और उसके पास कोई दूसरा शख्स मदद के लिए नहीं था।
ऐसे में गलती से पकौड़े निकालने के लिए उसने अपना हाथ कढ़ाई के खौलते तेल में डाल दिया। जब ध्यान आया तो राम बाबू ने एक झटके से हाथ बाहर निकाला। उसने सोचा कि उसका हाथ बुरी तरह से जल गया होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। उस दिन के बाद राम बाबू ने चम्मच और करछल का इस्तेमाल करना बिल्कुल बंद कर दिया और अब यही उसकी पहचान बन गयी है।