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यहां लगेगी दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन, जानें भारत से इसका रिश्‍ता

हवाई में दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कोप लगने जा रहा है। 30 मीटर के इस टेलिस्कोप को बनाने में भारत का बहुत बड़ा हाथ रहा है। US, चीन, भारत कनाडा और जापान मिल कर इसे बना रहे हैं।

By abhishek.tiwariEdited By: Published: Fri, 05 May 2017 03:32 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2017 06:16 PM (IST)
यहां लगेगी दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन, जानें भारत से इसका रिश्‍ता
यहां लगेगी दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन, जानें भारत से इसका रिश्‍ता

217 फीट की ऊंचाई पर लगेगा टेलिस्‍कोप

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खगोलीय वैज्ञानिक आसमान में होने वाली घटनाओं का अध्‍ययन करने के लिए टेलिस्‍कोप का इस्‍तेमाल करते हैं। ऐसा ही एक टेलिस्‍कोप हवाई में लगाया जाना है। यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्‍कोप है जिसे टीएमटी नाम दिया गया है। टीएमटी मतलब 'थर्टी मीटर टेलिस्‍कोप' यह 30 मीटर का टेलिस्‍कोप है लेकिन इसे एक बड़े गुंबद में लगाया जाएगा जो 217 फीट का होगा। इन्हें लगाने की सबसे अच्छी जगह ऐसे पहाड़ माने जाते हैं, जो बादलों से ऊपर होते हैं। ऐसे में यह टेलिस्‍कोप हवाई के Mauna Kea में लगाया जाएगा।

भारत का है 10 परसेंट हिस्‍सा

यह आम टेलिस्कोप से 30 गुना ज्यादा बेहतर होगा और इसे US, चीन, भारत कनाडा और जापान मिल कर इसे बना रहे हैं। इसके बनने में 1.47 बिलियन डॉलर का खर्च आया है। भारत TMT संघ का सदस्य 2014 फरवरी में बना था। इस पहल में भारत का 10 प्रतिशत योगदान रहा है। इस टेलिस्कोप के कई अहम भाग भारत बना रहा है। आने वाले सालों में TMT को ऑनलाइन लाने की भी योजना है। इसे मुमकिन करने के लिए भारत के लगभग 300 खगोलविदों की भी जरूरत होगी। ये टेलिस्कोप यकीनन कई खगोलविदों को बेहतर काम करने में सक्षम बनाएगा। 


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