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जब शहर के बीचोंबीच अचानक हो गया गड्ढा, धरती पर अजीबोगरीब इलाके

पृथ्‍वी पर एक समय पर कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिनको समझना नामुमकिन है। कहीं पर पत्‍थर अपने आप चलता है तो कहीं खुद बा खुद झील बन जाती है। कहीं पर शहर के बीचोबीच बड़ा सा गढ्ढा हो जाता है

By prabhapunj.mishraEdited By: Published: Thu, 14 Sep 2017 01:45 PM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 02:33 PM (IST)
जब शहर के बीचोंबीच अचानक हो गया गड्ढा, धरती पर अजीबोगरीब इलाके
जब शहर के बीचोंबीच अचानक हो गया गड्ढा, धरती पर अजीबोगरीब इलाके

1- सहारा रेगिस्‍तान की आंख

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सहारा रेगिस्‍तान की आंख को सिर्फ एस्‍ट्रोनाट ही देख सकते हैं। वैज्ञानिक आज भी इस सच की तलाश में जुटे हैं कि सहारा की आंख का निर्माण कैसे हुआ है। यहां पर 40 किलोमीटर में तीन छल्‍ले बने हुए हैं। इसे सिर्फ स्‍पेस से देखा जा सकता है। 

 

2- नर्क का रास्‍ता

वैज्ञानिको ने तुर्कमेनिस्‍तान में नर्क का द्वार ढूंढ निकाला है। ये क्रेटर 1971 में बना था। पिछले 40 सालों से काराकुम रेगिस्‍तान में ये गैस का गोला मिट्टी के साथ जल रहा है। ये कैसे और क्‍यों हुआ वैज्ञानिक इसका सच पता नहीं कर पा रहे हैं। 

 

3-  ग्‍वेटामाला का गढ्ढा

ग्‍वैटामाला शहर के बीचो बीच बना ये गढ्ढा आप को हैरत में डाल सकता है। इस बड़े से गढ्ढे का निर्माण जून 2010 में हुआ था। इस गढ्ढे का निर्माण अगाथा नाम के तूफान आने के बाद हुआ था। 20 मीटर व्‍यार का ये गढ्ढा 30 मीटर गहरा है। 

 

4- बड़ा होता आइसलैंड

टोक्‍यो से 1000 किलोमीटर की दूरी पर एक वालकैनो आइसलैंड है। इस वालकैनो आइसलैंड का निर्माण नवंबर 2013 को अस्तित्‍व में आया था। ये आइसलैंड लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तरह के आइसलैंड जैसे अचानक से बनते हैं वैसे ही अचानक से खत्‍म हो जाते हैं। 

 

5- साईबेरियन गढ्ढा

साईबेरिया में बना गढ्ढा भी वैज्ञानिकों के गले नहीं उतर रहा है। वैज्ञानिक आज तक इस गढ्ढे के बनने का रहस्‍य नहीं जान पाए हैं। 80 मीटर के व्‍यास का ये गढ्ढा ग्‍लोबल वार्मिंग का नतीजा है। वैज्ञानिक अंदाजा लगा रहे हैं कि इसका निर्माण गैस के विस्‍फोट से हुआ है। 

 

6- ट्यू‍नेशिया लेक

ट्यूनीशियन रेगिस्‍तान के बीचोबीच गफ्सा कस्‍बे के पास 2003 में एक हेक्‍टेयर इलाके में अचानक से झील का निर्माण हो गया। ये झील 20 मीटर गहरी है। इलाकाई लोगों ने इसे गफ्सा बीच नाम दिया है। वैज्ञानिक इस झील के निर्माण होने की वजह अभी तक नहीं खोज पाए हैं। 

 


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