बेटियों ने खोद डाला कुंआ ताकि मां को पानी भरने न जाना पड़े दो किलोमीटर दूर
आप ने दशरथ मांझी की कहानी तो सुनी होगी। जिसने अपनी पत्नी के लिये पहाड़ को खोद कर सड़क बना दी थी। कुछ ऐसा ही किया इन दो बेटियों ने इन्होंने मां को दूर से पानी लाता देख कुंआ खोद डाला।
बेटियों ने खोदा कुंआ तो 20 फीट पर निकल आया पानी
जनाब ये सहासिक कार्य किया है छत्तीसगढ़ राज्य की दो बेटियों ने। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की रहने वाली दो बेटियों ने सिर्फ इस लिये कुंआ खोद डाला क्योंकि उनकी मां बहुत दूर से पानी भर के लाती थी। बेटियों ने जब अपनी मां को घर से दो किलोमीटर दूर पानी के लिये भटकते हुये देखा तो उन्होंने घर के पास कुंआ खोदने की ठान ली। कहते हैं ना कि मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। कुदरत ने जब इन दोनो बच्चियों का हौसला देखा तो उन्हें 20 फीट में पानी का उपहार दे दिया। छत्तीसगढ़ की संसदीय सचिव चंपादेवी पावले ने भी बेटियों के इस हौसले की तारीफ की। उन्होंने हरसंभव मदद देने की बात कही है।
गांव में 15 परिवारों के लिये लगे थे 3 हैंडपंप
कछौड़ के कसहियापारा में अमर सिंह गोंड और उनकी पत्नी जुकमुल अपनी दो बेटियों शांति और विज्ञांति के साथ रहती हैं। कसहियापारा में 15 परिवार रहते हैं। जहां उनके लिए तीन हैंडपंपों की व्यवस्था की गई थी। जिनमे से अब दो खराब हो चुके हैं। एक में दूषित पानी आता है। लोग पानी के लिए दो किलोमीटर दूर मुड़धोवा नाले पर निर्भर हैं। परिवार की जरूरतों को पूरा करने शांति और विज्ञांति की मां भी हर रोज दो किलोमीटर का सफर पानी के लिए किया करती थी। शांति और विज्ञांति ने जब घर के समीप कुंआ खोदने की बात कही तो मां-पिता सहित सभी ने मजाक समझ कर टाल दिया। जब उन्होंने बेटियों को कुंआ खोदते देखा तो पूरा गांव उनकी मदद को आगे आया।