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बोझ नही भगवान का वरदान है बेटियां, अंगदान कर पिता को दिया नव जीवन

डॉक्टरों ने जैसे ही वीणा के पिता को लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी, वीणा तुरंत कुछ सोचे समझे अपने पिता की नाजुक हालत देख लीवर डोनेट करने को राजी हो गयी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 12:56 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 01:12 PM (IST)
बोझ नही भगवान का वरदान है बेटियां, अंगदान कर पिता को दिया नव जीवन
बोझ नही भगवान का वरदान है बेटियां, अंगदान कर पिता को दिया नव जीवन

माता-पिता के लिए बोझ समझी जाने वाली बेटियां अब बोझ नही बल्कि भगवान का वरदान है। ये बात साबित की है मीरजापुर में रहने वाली वीणा ने। वीणा ने अपने पिता को लीवर डोनेट कर उनकी जिंदगी बचायी है।

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जी हां, मिर्जापुर के जमालपुर थाना क्षेत्र में बहुआर गांव निवासी रवि प्रकाश त्रिपाठी की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही थी। उनके परिजनों ने उन्हें वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल में भर्ती करवाया था।

डॉक्टरों ने जैसे ही वीणा के पिता को लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी, वीणा तुरंत कुछ सोचे समझे अपने पिता की नाजुक हालत देख लीवर डोनेट करने को राजी हो गयी। आपरेशन के बाद बेटी द्वारा दिए गए लीवर को डॉक्टरों की टीम ने पिता के लीवर से जोड़ दिया। फिलहाल पिता-पुत्री दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एडमिट हैं....... एक बेटी ने अपने पिता की जान बचाने में सफलता हासिल कर ली। वीणा के इस कदम की हर जगह तारीफ हो रही है कि किस तरह एक बेटी ने अपने पिता के प्राणों की रक्षा की।

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