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क्रिएटिव हैं आप, तो हो सकता है भूतों से सामना

अगर आप क्रिएटिव हैं और आपके अंदर दुनिया को उस नजरिए से देखने की क्षमता है जो कि साधारण लोग नहीं देख पाते, तो निश्चित तौर पर आप विशिष्ट है। साइंटिस्टस ने हालिया रिसर्च में दावा किया है कि क्रिएटिव लोग उन रहस्यमयी चीजों को आसानी से देख लेते हैं जो साधारण लोग नहीं देख सकते। जानें कैसे यहां पढ़ें...

By shweta.mishraEdited By: Published: Tue, 02 May 2017 09:23 AM (IST)Updated: Tue, 02 May 2017 09:23 AM (IST)
क्रिएटिव हैं आप, तो हो सकता है भूतों से सामना
क्रिएटिव हैं आप, तो हो सकता है भूतों से सामना

साइंटिस्ट्स ने अपनी नई रिसर्च में किया इस बाबत दावा

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आम लोगों की अपेक्षा नजरिए में फर्क होना है एक अहम फैक्टर

ध्यान नहीं देते

भूत-प्रेत, चमत्कार और पैरानॉर्मल एक्टिविटीज भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। साइंटिस्ट्स का आंकलन है कि क्रिएटिव लोगों का दिमागी विकास उन्हें घटनाओं के उस अवमूल्यन की ताकत देता है जिस पर साधारण लोग ध्यान नहीं दे पाते हैं। ये काफी फायदेमंद है मगर कुछ केसेस में ये काफी नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न में हुए रिसर्च में 123 स्टूडेंट्स के फीडबैक्स के आधार पर यह कनक्लूजन निकाला गया। 


रिसर्च का सार 

रिसर्च में यह पाया गया है कि क्रिएटिव लोग ओपन पर्सनैलिटी के मालिक होते हैं और क्यूरियस होने के साथ ही वह नई चीजों को खोजने में रुचि रखते हैं। ऐसे लोगों का दिमागी विकास इस क्षेत्र में आम लोगों की तुलना ज्यादा होता है। किसी भी प्रकार के मिक्स्ड पर्सपेक्टिव वाले ऑप्टिकल इल्यूजन में इन लोगों का पफॉर्मेंस ऑर्डिनरी लोगों से कहीं बेहतर होता है जो इस बात को साबित करता है कि वह उन बारीकियों को भी देख लेते हैं जो कि आम लोगों के बस की बात नहीं है। 

 

पॉजिटिव माना

यही कारण है कि ऐसे लोगों के साथ अगर किसी प्रकार का पैरानॉर्मल एक्सपीरिएंस हो तो कोई नई बात नहीं होगी। साथ ही, ऐसे लोग इन रहस्यों को देखने के साथ ही न केवल इससे खुद को रिलेट करने की क्षमता रखते हैं बल्कि वे इसे दूसरों से बेहतर तरीके से एक्सप्लेन भी कर सकते हैं। हालांकि, साइंटिस्ट्स ने क्रिएटिव लोगों के इस बर्ताव को बेहद पॉजिटिव माना है मगर साथ ही उन 5 सूत्रों की जानकारी भी दी जिनके थोड़ा भी इधर-उधर होने से ऐसे लोगों को न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 
ट्रेट्स जो बनाते हैं खास

साइंटिस्ट्स के मुताबिक, ये ट्रेट्स सभी क्रिएटिव लोगों में होता है और ये उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं। मगर अगर इसमें इंबैलेंस हो जाए तो ये सीरियस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स को दावत देता है। जानिए इनके बारे में...


बातूनीपन: 

बातूनी लोग अक्सर किसी साधारण सी बात पर भी ढेर सारी चीजें बताते मिल जाएंगे। क्रिएटिव लोगों का असली बर्ताव कैसा भी हो, उनके इंट्रेस्ट फील्ड पर बात करने पर वह खुल कर खुद को जाहिर करते हैं। वे पॉजिटिव, एनर्जेटिक और बड़ी सोच वाले होते हैं। 

रजामंदी: 

ऐसे लोग जो सामने वाले की बातों पर जल्दी रजामंद हो जाएं वो भरोसा करने वाले, समाज के मुताबिक खुद को ढालने वाले और दयावान होते हैं। उनका ये बर्ताव समाज के लिए काफी सकारात्मक साबित होता है।

कर्तव्य निष्ठा: 

ऐसे लोगों में अपने काम के प्रति समर्पण का बोध होता है और मेहनतकश, वेल ऑर्गनाइज्ड और कंस्ट्रक्टिव आइडियाज से भरे होते हैं। हालांकि, इस ट्रेट की अधिकता आपको रूढि़वादी और दकियानूस भी बना सकती है।

न्यूरोटिसिज्म: 

ऐसे लोग अपने काम के प्रति काफी पैशनेट होते हैं। मगर जिन लोगों में ये टेंडेंसी ज्यादा होती है वह इमोशनल इनस्टेबिलिटी, एंग्जाइटी, मूडी, सनकी और उदासीपूर्ण स्वभाव के हो जाते हैं।

खुलापन: 

क्रिएटिव लोगों की सबसे बड़ी ताकत यह होती है कि वह व्यापक नजरिए वाले होते हैं और यह उन्हें स्वभाविक खुलापन प्रदान करता है। इस स्वभाव की अधिकता आपको कई क्षेत्रों में पारंगत होने में मदद करती है।


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