आक्रामक व्यवहार वाले चिम्पैंजी बनते हैं पिता
अच्छे व्यवहार वाले नर चिम्पैंजियों को मादा चिम्पैंजियों का साथ बहुत कम मिलता है। तंजानिया में चिम्पैंजियों के एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है। इसके अनुसार वैसे नर-चिम्पैंजी जो लंबे समय तक मादा-चिम्पैंजियों को डराते-धमकाते हैं, यहां तक कि उन पर शारीरिक हमला भी करते हैं, उनके मादा चिम्पैंजियों
अच्छे व्यवहार वाले नर चिम्पैंजियों को मादा चिम्पैंजियों का साथ बहुत कम मिलता है। तंजानिया में चिम्पैंजियों के एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है। इसके अनुसार वैसे नर-चिम्पैंजी जो लंबे समय तक मादा-चिम्पैंजियों को डराते-धमकाते हैं, यहां तक कि उन पर शारीरिक हमला भी करते हैं, उनके मादा चिम्पैंजियों के साथ मिलकर बच्चे पैदा करने के अवसर अधिक होते हैं।
इस अध्ययन के सह-लेखक और एरिजोना स्टेट विश्वविद्यालय के मानवविज्ञानी इयान गिल्बी के अनुसार, 'यह निश्चित तौर पर अच्छी खबर नहीं है।Ó
वहीं ड्यूक विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एन्ने पुसे इसकी व्याख्या करते हुए कहते हैं कि, 'मादा-चिम्पैंजी जो लंबे समय तक किसी नर-चिम्पैंजी द्वारा प्रताडि़त की जाती है, वो उसके सामने किसी और से शारीरिक संबंध बनाने से कतराती है।Ó
यह अध्ययन 'करेंट बायोलॉजीÓ नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है। यह अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि चिम्पैंजी आनुवांशिक रूप से मानवों के सबसे ज्यादा करीब है। लेकिन शोधकर्ता इसके आधार पर मानवों में यौन हिंसा की शुरूआत के विषय में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में सावधानी बरत रहे हैं।
यह निष्कर्ष तंजानिया के गोम्बे राष्ट्रीय उद्यान में 17 वर्षों तक चिम्पैंजियों के आपसी सहवास और उनके बच्चों के जन्म के आधार पर निकाला गया है।
यहां नर चिम्पैंजियों के आक्रामक व्यवहार के अंदर मादा चिम्पैंजियों पर शारीरिक हमले, दांतों से काटना और उनका पीछा करना आदि शामिल हैं। इसमें मादा चिम्पैंजियों को चोटें आती हैं और घाव तक हो जाते हैं।
हालांकि, इनके बीच समागम ऐसे व्यवहारों के तुरंत बाद नहीं होता। निरंतर ऐसे व्यवहारों को झेलते-झेलते मादा चिम्पैंजी उनसे डरने लगती है। इस डर की वजह से ही वो ऐसे नर-चिम्पैंजियों से ही समागम करती है जिसके आक्रामक व्यवहार का वो शिकार हुई रहती है।