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पांच वर्षो से बैठा नही है यह संन्यासी

दिनभर की व्यस्त दिनचर्या में थोड़ा आराम सभी के लिए जरूरी है। इसके लिए हम लेटकर या बैठकर आराम फरमा लेते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक संन्यासी पिछले पांच वर्षो से बैठा तक नही है और खड़े-खड़े ही अपने सारे काम निपटाता है। बरेली के रहने वाले 35

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2015 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2015 12:42 PM (IST)
पांच वर्षो से बैठा नही है यह संन्यासी

दिनभर की व्यस्त दिनचर्या में थोड़ा आराम सभी के लिए जरूरी है। इसके लिए हम लेटकर या बैठकर आराम फरमा लेते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक संन्यासी पिछले पांच वर्षो से बैठा तक नही है और खड़े-खड़े ही अपने सारे काम निपटाता है। बरेली के रहने वाले 35 वर्षीय ब्रह्मïचारी अशोक गिरी अगर सोते भी हैं तो एक झूले के सहारे।

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संन्यासी अशोक गिरी ने 11 वर्षों तक खड़े रहने का संकल्प लिया है वह अपनी इस शक्ति का सारा श्रेय भगवान को ही देते हैं। अशोक गिरी ने बताया कि बचपन से ही दिमाग में वैराग्य ऐसा समाया कि छोटी सी उम्र में ही घर छोड़कर इस राह पर चल पड़ा। संन्यासी ने बताया कि पहले उन्होंने 41-41 दिन तक खड़ा होकर इसका अभ्यास किया और फिर इसकी आदत पड़ गयी।

संन्यासी अशोक गिरी खड़े रहने की वजह से बस और ट्रेन में तो आसानी से सफर कर लेते हैं लेकिन छोटे वाहनों में उन्हें कमर झुकाकर सफर करना पड़ता है।


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