कश्मीर आपदा: दिल ने पुकारा और हम चले आए..
दिल्ली निवासी पर्वतारोही करण कौशिक ने फेसबुक वॉल पर लिखा, दोस्तों कश्मीर में बाढ़ आई है और हमें वहां मदद के लिए चलना चाहिए। मैं तो जा रहा हूं। मुंबई की पर्वतारोही अनीषा सुब्रमण्यम ने इस संदेश को लाइक किया और श्रीनगर जाने की तैयारी कर ली। पानी में जीवन बचाने की तकनीक में माहिर विश्रुती जाखड़ से
नई दिल्ली, [प्रणय उपाध्याय]। दिल्ली निवासी पर्वतारोही करण कौशिक ने फेसबुक वॉल पर लिखा, दोस्तों कश्मीर में बाढ़ आई है और हमें वहां मदद के लिए चलना चाहिए। मैं तो जा रहा हूं। मुंबई की पर्वतारोही अनीषा सुब्रमण्यम ने इस संदेश को लाइक किया और श्रीनगर जाने की तैयारी कर ली। पानी में जीवन बचाने की तकनीक में माहिर विश्रुती जाखड़ से बात हुई तो वह भी संग हो लीं। ऐसे कई युवा श्रीनगर में अब राहत मिशन के लिए साथ हैं।
अनीषा कहती हैं कि उन्होंने बीते साल उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद भी दो महीने तक राहत और बचाव के लिए अपनी सेवाएं दी थीं। यहां भी बीते दस दिनों से काम कर रही हैं। साथ देने वालों में ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक टिमोथी स्मिथ भी हैं। भारी बारिश और बाढ़ के बाद संभलने की कोशिश कर रहे जम्मू-कश्मीर में अभी भी बड़ा इलाका ऐसा है जहां न तो मदद पहुंच पाई है और न ही नुकसान का आकलन हो पाया है। कई गांव टापू बन गए हैं जहां लोग फंसे हैं। चोरियों के डर से लोग अपना घर छोड़ने से भी डर रहे हैं। ऐसी हालत में फंसे लोगों तक खाना, दवाइयां पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
सेना और सरकारी तंत्र अपनी तरफ से कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन जब पूरा मुल्क इस त्रासदी को देख रहा है तो कुछ जांबाज मुश्किल में फंसी इंसानियत के मदद के लिए वहां पहुंच गए हैं। ऐसे ही स्वयंसेवकों की टीम के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग-14 से कुछ दूर टेंगपोरा और केनिहामा से राहत सामग्री देकर लौटे डॉ. मुश्ताक अहमद पेशे से सर्जन हैं। कोशिश करते हैं कि मदद के साथ ही बाढ़ में फंसे लोगों को डॉक्टरी सलाह भी पहुंचाई जा सके। इस बीच सरकार और सैन्य एजेंसियों के अलावा बड़ी कोशिशें गैर-सरकारी संगठनों और सामुदायिक टीमों की भी हैं। श्रीनगर के रावलपोरा स्थित गुरुद्वारे ने राहत के लिए अपने साधन और दरवाजे खोल दिए हैं।
विहिप के मेडिकल कैंप में 14 सौ लोगों का इलाज
जम्मू। विश्व ¨हदू परिषद द्वारा लोगों को चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए तीन दिवसीय मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 14 सौ लोगों का इलाज किया गया। विहिप ने 13 सितंबर से संभाग में भारतीय जन सेवा संस्थान तथा बाबा अमरनाथ यात्री न्यास शिविर का आयोजन किया था। शिविर में यंग ब्लड एसोसिएशन की ओर से मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
फौज हमारे लिए भगवान बनी
जम्मू। यहां से मात्र कुछ किमी. दूर स्थित गांवों के निवासियों के लिए तवी में आई बाढ़ के दौरान सेना ही भगवान बन कर पहुंची। बाढ़ ने ग्रामीणों के घरों को उजाड़ दिया। जम्मू के एक सरकारी स्कूल में सेना द्वारा बनाए गए कैंप में एक सप्ताह से अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ रह रहे शम्मी कुमार कहते हैं कि हमारा मकान बाढ़ में बह गया और हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है। सूर्य चक सरकारी हाई स्कूल में सेना द्वारा चलाए जा रहे कैंप में सैकड़ों लोग शरण लिए हुए हैं। पश्चिमी पाकिस्तान के एक शरणार्थी सुख चंद कहते हैं कि हमारा सबकुछ बाढ़ में बह गया, हमारे खेत की फसल तबाह हो गई और ऐसे समय में हमें राहत देने के लिए मात्र सेना ही आगे आई है।
मां वैष्णो देवी दरबार में हेलीकाप्टर सेवा सुचारू
कटड़ा। मौसम में सुधार के साथ ही मां वैष्णो देवी दरबार में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई। वहीं, नए मार्ग पर बैट्री कार सेवा भी जारी है। श्रद्धालु प्राचीन गुफा से भी मां के दर्शन कर रहे हैं। पहली बार सितंबर में प्राचीन गुफा से होकर श्रद्धालु मां के दर्शन कर रहे हैं। राज्य में आई बाढ़ के चलते मां वैष्णो देवी यात्र के लिए कम संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। सितंबर में पच्चीस से तीस हजार श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रोजाना आते थे। वर्तमान में यह आंकड़ा मात्र पांच से छह हजार पहुंच गया है। इसके कारण वैष्णो देवी भवन सहित आधार शिविर कटड़ा सूना-सूना नजर आ रहा है। वहीं, नवरात्र महोत्सव के सदस्यों का कहना था कि वर्तमान में महोत्सव अवश्य होना चाहिए। इससे परंपरा बनी रहेगी।
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