वोट डालने से रोकने पर युवक ने किया आत्मदाह
बरेली [जागरण संवाददाता]। कथित रूप से वोट न डाल पाने से क्षुब्ध युवक ने सैकड़ों मतदाताओं और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मतदान केंद्र के गेट पर मिंट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग के हवाले कर दिया। आग की लपटों से घिर जाने के बाद वह सड़क पर भी दौड़ा, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। बाद में पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई।
बरेली [जागरण संवाददाता]। कथित रूप से वोट न डाल पाने से क्षुब्ध युवक ने सैकड़ों मतदाताओं और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मतदान केंद्र के गेट पर मिंट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग के हवाले कर दिया। आग की लपटों से घिर जाने के बाद वह सड़क पर भी दौड़ा, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। बाद में पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई।
इसी बीच मौके पर पहुंचे कमिश्नर और डीआइजी ने उसे सरकारी वाहन से जिला अस्पताल भेजा, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। पत्नी ने मौत के लिए पीठासीन अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मूल रूप से बिल्सी बदायूं निवासी हरी सिंह (38) छह साल से परिवार के साथ देवचरा में रह रहे थे। गुरुवार सुबह सात बजे वह वोट डालने रामभरोसे इंटर कॉलेज (मतदान केंद्र) पहुंचे, लेकिन वोटिंग पर्ची न होने के कारण लौटा दिया गया। दोबारा आठ बजे वह पत्नी तारावती के साथ वोट डालने पहुंचे। पत्नी ने तो वोट डाल दिया, लेकिन वोटिंग पर्ची न होने के कारण उन्हें फिर लौटा दिया गया।
नौ बजे हरी सिंह फिर वोट डालने आए, लेकिन इस बार भी बैरंग लौटना पड़ा। घर से साढे़ नौ बजे के आसपास फिर से मतदान केंद्र पहुंचे। इस बार उनके हाथ में केरोसिन से भरा डिब्बा था। जब तक पुलिसकर्मी और मतदाता कुछ समझ पाते, हरी सिंह ने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। लपटों से घिर जाने के बाद वह तेजी से सड़क की तरफ भागे। मतदान केंद्र गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझाने के लिए ऊपर प्लास्टिक की पन्नी डाल दी, जो हरी सिंह के लिए और भी घातक साबित हुई। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने मिंट्टी आदि डालकर किसी तरह आग बुझाई।
इसी बीच गश्त पर निकले कमिश्नर अजय कुमार सिंह व डीआइजी आरकेएस राठौर इसी मतदान केंद्र पर आ गए। उन्होंने तुरंत सरकारी गाड़ी से गंभीर रूप से झुलसे हरी सिंह को जिला अस्पताल भेजा, जहां करीब एक घंटे बाद उसकी सांसें थम गई।
जिला अस्पताल में मौजूद पत्नी तारावती का आरोप है कि वोटर लिस्ट में नाम होने के बावजूद पीठासीन अधिकारी ने उसके पति को वोट डालने से रोक दिया। उनका तर्क था कि तुम्हारे पति के पास वोटिंग पर्ची नहीं है।
आग लगाने का कारण कुछ और
हरी सिंह की जेब से वोटिंग कार्ड मिला है, जो हाल में ही बना है। ऐसे में उसे वोट डालने के लिए कोई नहीं रोक सकता। उसकी पत्नी ने तो वोट डाला भी है। आग लगाने का कारण कुछ और है। इसका पता लगाया जा रहा है।
आरकेएस राठौर, डीआइजी
वोट डालने से नहीं रोका
अभी तक की पूछताछ से पता चला है कि हरि सिंह को वोट डालने से नहीं रोका गया। घटना हुई है, एसडीएम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।''
अभिषेक प्रकाश, जिला निर्वाचन अधिकारी
पढ़ें: जेल में भिड़े आनंद मोहन व पप्पू देव के समर्थक, छह जख्मी
पढ़ें: पद्मावत एक्सप्रेस में लूट, यात्रियों ने एक आरोपी को पकड़ा