जानें, सोशल साइट्स पर 'योगी' के बारे में लोगों को किस चीज में है दिलचस्पी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में लोग तमाम श्रोतों से जानने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली(जेएनएन)। देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की कमान अब एक योगी के हाथों में है। एक संन्यासी अब सियासत की उस ऊंचाई पर है जो अपने आप में दिलचस्प है। स्वभाविक तौर पर ये कहा जाता है कि साधू की कोई जाति नहीं होती है। शायद ही कोई किसी साधू से उसकी जाति पुछता हो। लेकिन 'यूपी के योगी की जाति में लोगों की दिलचस्पी है। आदित्यनाथ योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
बीते 24 घंटे में राजनीति में दिलचस्पी रखने वाली ज्यादातर नज़रें और सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा का केंद्र भी आदित्यनाथ योगी रहे। लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जो उन्हें नहीं जानते. या फिर उनके बारे में जानना चाहते हैं। इन लोगों ने योगी आदित्यनाथ को गूगल के टॉप ट्रेंड्स में जगह दिलाई और इसके बाद सर्च इंजन गूगल के जो आंकड़े सामने आए, उनमें कई दिलचस्प बातें थीं। रविवार को गूगल पर आदित्य नाथ योगी सर्च करने वाले लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी उनकी जाति जानने में थी।
(सौजन्य: Google Trend)
किस राज्य में योगी की सबसे ज्यादा खोज?
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भारत के नक्शे पर योगी की सर्च
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साधारण परिवार से योगी का संबंध
एक साधारण परिवार में पैदा हुए अजय सिंह बिष्ट का गोरक्षपीठ जैसे नाथ संप्रदाय की बड़ी पीठ के महंत से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर संघर्षों भरा रहा है। गोरक्षपीठ के महंत अवेद्यनाथ का उत्तराधिकारी बनने के बाद नये नाम योगी आदित्यनाथ के रूप में काफी ख्याति अर्जित की। उनका स्वभाव योगी जैसा है। उनके द्वारा फरियाद लेकर गया वह निराश नहीं लौटा। रात 11 बजे के बाद वह सोने के लिए चले जाते हैं और सुबह तीन-साढ़े तीन बजे जग जाते हैं।
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ का जन्म पांच जून 1972 को पौड़ी जिले के पंचुर गांव में आनंद सिंह बिष्ट व सावित्री देवी के घर हुआ। उनका घर का नाम अजय सिंह बिष्ट था। नाथपंथ के प्रसिद्ध मठ गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर में 15 फरवरी 1994 को गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ ने उत्तराधिकारी के रूप में योगी आदित्यनाथ का दीक्षाभिषेक किया। महज 22 वर्ष की उम्र में ही अजय संन्यासी हो गए।
राजनीति में अजेय
योगी आदित्यनाथ 1998 में महज 26 वर्ष की आयु में ही गोरखपुर से संसद सदस्य चुन लिए गए। उस समय वे सबसे युवा सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे। इसके पश्चात 1999, 2004, 2009 व 2014 में अनवरत पांचवीं बार सांसद बने। हर चुनाव में योगी के विजयी होने का अंतर बढ़ता गया।
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