याकूब मेमन के गले का फंदा बनी बिहार की रस्सी
मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन को आज सुबह नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। उसकी फांसी के लिए बिहार के बक्सर जेल से भेजी गई रस्सी का इस्तेमाल किया गया।
बक्सर [कंचन किशोर] । मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन की फांसी को आज सुबह नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। उसकी फांसी के लिए बिहार के बक्सर जेल में बनी 'मनीला रस्सी' का इस्तेमाल किया गया।
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नागपुर जेल में आज सुबह सात बजे याकूब मेमन को बक्सर जेल में बनाई गई रस्सी से फांसी दे दी गई। बक्सर जेल के अधीक्षक एसके चौधरी ने बताया कि अभी हाल के दिनों में मनीला रस्सी की मांग कहीं से नहीं आई थी। ऐसे में उसे फांसी देने के लिए देश के विभिन्न जेलों में यहां से पहले भेजी गई किसी रस्सी का इस्तेमाल किया गया। पूरे देश में फांसी के लिए रस्सी केवल बक्सर जेल में ही बनाई जाती है।
दरअसल, देश में आजादी के पहले से अबतक जितनी फांसी दी गई, उनमें बक्सर जेल में बनी मनीला रस्सी का ही इस्तेमाल किया गया है। हौले से गले में लिपट दोषियों को मौत देने वाली इस रस्सी को फांसी के लिए ही विशेष रूप से तैयार किया जाता है। इससे पूर्व दो साल पहले तिहाड़ जेल में आतंकी अफजल गुरु को भी बक्सर की ही रस्सी से फांसी दी गई थी।
मेरठ की जेल में सुरेन्द्र कोली की फांसी की तारीख तय होने के बाद नैनी जेल में उसके लिए फंदा बक्सर जेल से ही भेजा गया था। उसी समय तिहाड़ समेत अन्य जेलों में भी एक दर्जन मनीला रस्सी गई थी। बाद में सुरेन्द्र कोली की फांसी टल गई।
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कैदी बनाते हैं रस्सी
बक्सर केंद्रीय कारा के कैदी पुनर्वास प्रशिक्षण केंद्र में फांसी का फंदा वाली रस्सी का निर्माण होता है। अंग्रेजी हुकूमत में पहले फिलीपिंस के मनीला में फांसी के लिए रस्सी तैयार होती थी। बाद में इस जेल में भी वैसी ही रस्सी का निर्माण होने लगा। अंग्रेजों ने ही इसे मनीला रस्सी नाम दिया। जेल के एक अधिकारी के मुताबिक आजादी के बाद अबतक देश में जितनी भी फांसी दी गई, उसके लिए रस्सी यहीं से भेजी गई है।
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मनीला रस्सी की खासियत
देश व समाज दुश्मनों को उनके किए की सजा देने के लिए बनाई जाने वाली मनीला रस्सी खास होती है। गले में लिपट बिना तकलीफ मौत की नींद सुलाने वाली रस्सी को बनाने के लिए खास विधि अपनाई जाती है। पहले कच्चे सूत के एक-एक कर 18 धागे तैयार किए जाते हैं।
फिर सभी धागों को मोम में पूरी तरह संतृप्त किया जाता है। इसके बाद सभी धागों को मिलाकर एक मोटी रस्सी तैयार की जाती है। एक फांसी के लिए 18 फीट रस्सी तैयार की जाती है।
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