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कम उम्र में न आने पाएं लड़कियां, सेक्‍स वर्कर संस्‍था ने शुरू किया एक्‍स-रे टेस्‍ट

पश्‍चिमी देशों में किशोरियों को देह-व्‍यापार में आने से बचाने के लिए एक्‍स-रे टेस्‍ट किया जाता है अब एशिया के सबसे नामी रेड लाइट जोन ‘सोनागाछी’ में भी यह टेस्‍ट शुरू किया गया है।

By Monika minalEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 10:32 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 11:36 AM (IST)
कम उम्र में न आने पाएं लड़कियां, सेक्‍स वर्कर संस्‍था ने शुरू किया एक्‍स-रे टेस्‍ट

कोलकाता (प्रेट्र)। एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया कोलकाता के सोनागाछी में कम उम्र की लड़कियों को देह व्यापार की दुनिया से दूर रखने के लिए एक्स–रे टेस्ट शुरू किया गया है जिसकी मदद से आसान तरीके से उनकी वास्तविक उम्र का पता लगाया जा रहा है।

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सेक्स वर्कर संस्था की सकारात्मक पहल

कम उम्र की लड़कियों को देह-व्यापार में कदम रखने से रोकने के लिए सेक्स वर्करों का एक संगठन एक्स-रे टेस्ट का उपयोग कर रहा है ताकि किशोर वय में आने वाली लड़कियों की उम्र का पता लगाकर उन्हें रोका जाए। करीब 1.30 लाख सदस्यों वाली सेक्स वर्कर की संस्था, दरबार महिला समन्वय कमिटी द्वारा दिए गए इस आइडिया का कार्यान्वयन पूरे पश्चिम बंगाल में किया जा रहा है।

18 से कम की न हो लड़कियां

दरबार की वरिष्ठ अधिकारी, महाश्वेता ने बताया कि इस दुनिया में टीनेजर्स व कम उम्र की लड़कियों को हम नहीं लाना चाहते हैं। लेकिन एजेंटों और गरीब परिवार के लोग भी अपनी लड़कियों को इस धंधे में भेज देते हैं। हम पहले उनसे उनकी उम्र के बारे में पूछते हैं कि वो 18 से अधिक की हैं या नहीं। अधिकांश लड़कियां मौके पर झूठ बोलती हैं। 16 साल की लड़की को देखकर पता लगाना काफी मुश्किल होता है कि वे 18 साल की हैं या नहीं। इसलिए हम एक्स-रे टेस्ट कर रहे हैं ताकि उनकी वास्तविक उम्र का पता लगाया जा सके।

कलाई व कमर से उम्र का आकलन

दरबार के साथ काम करने वाले एक एनजीओ, सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की प्रिंसिपल, समरजीत जाना ने बताया, ‘कलाई और कमर के एक्स-रे टेस्ट से लड़की की उम्र का पता आसानी से लगा सकते हैं। यह सबसे आसान तरीका है और पश्चिमी देशों में कम उम्र की लड़कियों को देह व्यापार में प्रवेश से रोकने के लिए इस तरीके का उपयोग किया जाता है।‘ जाना ने आगे बताया कि भारत में अभी इस विधि का उपयोग नहीं नहीं किया जाता है। हमें उम्मीद है कि यह बंगाल मॉडल आने वाले दिनों में दूसरों को भी रास्ता दिखाएगा।‘


सबसे पहले सोनागाछी

एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट क्षेत्र कोलकाता के सोनागाछी ने इस कदम को अपना कर पहला स्थान लिया है। दरबार के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की मदद के साथ उन्होंने यह अभियान शुरू कर दिया है। कोलकाता के अलावा कूचबिहार, जलपाईगुरी, मालदा, नार्थ24 परगना, साउथ 24 परगना और मुर्शिदाबाद जहां देह व्यापार और लड़कियों की तस्करी अधिक होती है, वहां यह अभियान गति पकड़ रहा है।

अब तक बची सैंकड़ों लड़कियां

दरबार अधिकारी ने बताया,’जब हम इस व्यापार में कम उम्र की नई लड़की को देखते हैं, हम उससे सवाल करते हैं जैसे- उसकी उम्र क्या है, वह खुद आयी है या उससे लाया गया, क्या उसे पता है कि यहां उसे यहां क्या करने को कहा जाएगा।‘

उन्होंने आगे बताया कि यदि यह साबित हो जाता है कि उसे यहां जबरदस्ती लाया गया तो हम उसे सरकारी संस्था या उसके माता-पिता के पास भेज देते हैं। लेकिन सभी मामलों में हम एक्स-रे टेस्ट करवाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस कदम को अपनाने के बाद से सैंकड़ों किशोरियों को बचाया गया है। इस कदम को और प्रभावी बनाने के लिए कूचबिहार, जलपाईगुड़ी व अन्य क्षेत्रों में सेल्फ रेग्युलेटरी बोर्ड बनाया गया है जिसमें एक पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव को नियुक्त किया गया है। बोर्ड में दो सेक्स वर्कर, चीफ डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर, एक डॉक्टर, एक वकील और एक सोशल वर्कर को रखा गया है।

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