Move to Jagran APP

मुंबई: दुनिया के सबसे बड़े स्‍लम की हो रही गिनती

प्राइवेट बिल्‍डर्स द्वारा रिडेवलपमेंट के लिए जाने वाले मुंबई की झुग्‍गियों का सर्वे किया जा रहा है।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 12:14 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 12:18 PM (IST)
मुंबई: दुनिया के सबसे बड़े स्‍लम की हो रही गिनती

मुंबई। मनखुर्द में अन्नाभाउ साठे नगर में वाइ-फाइ एनेबल्ड टैबलेट और हाइ रेज्योलूशन कैमरे से लैस अपनी टीम के साथ प्रवेश करते हुए सुमित कुलकर्णी चेहरे पर सर्जिकल मास्क लगा लिया।

loksabha election banner

कुलकर्णी वहां दुनिया भर में चल रहे स्लम सर्वे के हिस्सा के तौर पर पहुंचे। जनवरी से चलाए जा रहे स्लम सर्वे में कुलकर्णी जैसे प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। इस सर्वे के तहत स्लम की 71,512 झोपड़ियों को पेंट किया गया और इसमें रहने वाले लोगों का बायो-मेट्रिक सर्वे पूरा किया।

सर्वे पूरा किए जाने के पीछे यह मकसद है कि प्राइवेट बिल्डर्स द्वारा पुर्नविकास के लिए इसे कब लिया जाए।

गत वर्ष राज्य सरकार ने इसे पहचानने का निर्णय लिया और ग्रेटर मुंबई में 9,000 एकड़ से अधिक में फैले 3,288 स्लम क्लस्टर्स में ऐसे सात लाख क्लस्टर्स को रिकार्ड किया। पहले चरण में, स्लम रिहैबिलिएशन अथॉरिटी को 2.17 लाख स्लम को पहचानने का काम दिया गया है।

आम आदमी पार्टी सरकार का बड़ा तोहफा, झुग्गी के बदले मिलेगा फ्लैट

इस सर्वे के लिए तीन प्राइवेट फर्म को नियुक्त किया गया है। मुंबई की इन्नोवेव आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर, महा ऑनलाइन और गुजरात की एनकोड सॉल्युशन। आंकड़ों के अनुसार 65.29 लाख स्लम में से 30.65 लाख पश्चिमी क्षेत्र बांद्रा और दहिसर के बीच है।

सर्वेक्षकों ने अपने सर्वे के दौरान यह भी देखा कि अधिकतर स्लमनिवासियों ने अपने छोटी सी झुग्गी के बीच में दीवार बना विभाजित कया हुआ है। उन्हें लगता है कि इससे उनके दो स्लम गिने जाएंगे और पुन:स्थापना स्कीम में उन्हें दो फ्लैट मिलेंगे।

एसआरए अधिकारियों ने शिकायत किया कि कुछ डिप्टी कलेक्टरों को मैनुअल सर्वे के लिए सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है, और वे काफी पीछे हैं। मलाड में केवल 5 फीसद, बांद्रा में 13 फीसद और अंधेरी में 18 फीसद हुआ है। सबसे अच्छा प्रदर्शन भंडुप में है जहां 90 फीसद सर्वे किया जा चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.