दुनिया हमारी ओर बड़ी उम्मीदों से देख रही है: पीएम मोदी
ज्ञान प्राप्ति के लिए दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है लेकिन हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। दुनिया को इस समय विभिन्न विषयों के लाखों शिक्षकों की जरूरत है। इस जरूरत को भारत अपनी युवा शक्ति से पूरा कर सकता है लेकिन इसके लिए हमें
वाराणसी। ज्ञान प्राप्ति के लिए दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है लेकिन हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। दुनिया को इस समय विभिन्न विषयों के लाखों शिक्षकों की जरूरत है। इस जरूरत को भारत अपनी युवा शक्ति से पूरा कर सकता है लेकिन इसके लिए हमें तैयार होने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यह बात बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित सुशासन दिवस समारोह में कही।
प्रधानमंत्री ने स्कूली शिक्षा के बाद पांच साल के एक ट्रेनिंग प्रोग्राम की आवश्यकता पर बल दिया। कहा, यह प्रोग्राम उन लोगों के लिए होगा जो अध्यापन को अपना पेशा बनाना चाहते हैं। हम पूरी दुनिया में उच्च गुणवत्ता वाले लोगों को भेजना चाहते हैं। 21 वीं सदी ज्ञान की सदी है, इसमें भारत को भी अपना योगदान देने के लिए खुद को तैयार करना होगा। यह समय की मांग है।
प्रधानमंत्री के रूप में अपने छह माह के कार्यकाल के अनुभव को साझा करते हुए मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीद से देख रही है। लेकिन हम उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए अभी तैयार नहीं हैं। दुनिया हमारी मदद लेने को तैयार है लेकिन हम मदद देने की स्थिति में नहीं हैं। यह स्थिति हमें खत्म करनी होगी। बीएचयू के संस्थापक भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के नाम पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि हमें कक्षा 12 के बाद से ही छात्र की प्रतिभा को पहचानते हुए उसे शिक्षक के रूप में उसे प्रशिक्षित करना होगा। इस प्रशिक्षण में बच्चे के भीतर मनोवैज्ञानिक ढंग से परंपराओं और संस्कार पैदा करने होंगे। हमें विद्यार्थियों के बीच शिक्षक बनने के लिए ललक का माहौल बनाना होगा।
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