शनि की पूजा न करें महिलाएं : स्वरूपानंद
महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शनि शिंगणापुर में महिलाओं के लिए समान अधिकार का मसला माघ मेले में भी गर्मा गया है।
इलाहाबाद। महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शनि शिंगणापुर में महिलाओं के लिए समान अधिकार का मसला माघ मेले में भी गर्मा गया है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद भी इस मामले में महिलाओं के खिलाफ हैं। शिरडी के साई पर अपनी टिप्पणी से चर्चा में रहे स्वरूपानंद महिलाओं को समानता का अधिकार देने की वकालत तो करते हैं, लेकिन साथ में उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को शनि की पूजा से कोई लाभ नहीं मिलेगा।
शंकराचार्य का कहना है कि शनि सिर्फ ग्रह है, देवता नहीं, इसलिए महिलाओं को उनके स्पर्श व दर्शन से बचना चाहिए। इस सिलसिले में वह स्कंद पुराण व निर्णय सिंधु का हवाला देते हुए कहते हैं कि इसमें साफ है कि स्ति्रयों को शनि दर्शन व स्पर्श नहीं करना चाहिए। यदि वे ऐसा करती हैं तो उनके साथ अनर्थ होता है।
इन्होंने कहा :
'शनि देव मंदिर में महिलाओं को तेल चढ़ाने की अनुमति दिए जाने में हर्ज क्या है? अगर महिलाएं वहां दर्शन व पूजन के लिए जाती हैं तो उन्हें रोका नहीं जाना चाहिए'- महंत नरेंद्र गिरि , अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
'किसी भी शास्त्र में महिलाओं के शनि पूजा का विधान नहीं मिलता। ऐसे में महिलाओं की मांग शास्त्र सम्मत नहीं है'- जगदगुरु स्वामी महेशाश्रम
संरक्षक, अखिल भारतीय दंडी संन्यासी समिति
'महिलाएं जब हर क्षेत्र में पुरुषों से मुकाबिल हैं तो शनि पूजा से उन्हें क्यों वंचित किया जाना चाहिए'- साध्वी त्रिकाल भवंता, पीठाधीश्वर परी अखाड़ा
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