महिला कमाने में सक्षम है तो नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता
एक स्थानीय अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में पति से अलग रह रही महिला की अंतरिम गुजारा भत्ते की अर्जी नामंजूर कर दी है। अदालत ने कहा कि महिला ने खुद माना है कि उसने ब्यूटीशियन का कोर्स किया है। वह पेशेवर तौर पर इतनी कुशल और योग्य है
नई दिल्ली। एक स्थानीय अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में पति से अलग रह रही महिला की अंतरिम गुजारा भत्ते की अर्जी नामंजूर कर दी है। अदालत ने कहा कि महिला ने खुद माना है कि उसने ब्यूटीशियन का कोर्स किया है। वह पेशेवर तौर पर इतनी कुशल और योग्य है कि उसे उचित काम ढू़ंढ़ने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसलिए कोर्ट यह मानता है कि मौजूदा केस में शिकायतकर्ता को अंतरिम आर्थिक राहत नहीं दी जानी चाहिए।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मोना तार्डी केरकेट्टा ने कहा कि आज के दौर में घर चलाने में महिलाओं से भी आर्थिक तौर पर हाथ बंटाना अपेक्षित है। महिला ने यह भी नहीं बताया है कि वह बेकार क्यों बैठी है।
महिला ने यह दी थी अर्जी:
महिला ने अपनी अर्जी में कहा था कि वह घरेलू महिला है तथा गुजारे के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर है, जबकि एक सर्विस सेंटर से उसके पति की मासिक कमाई 60 हजार रुपये है।
पति का तर्क:
पति ने महिला की दलीलों का विरोध करते हुए दावा किया कि वह बेरोजगार है तथा उसकी पत्नी को गुजारा भत्ते की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह एक प्रशिक्षित ब्यूटीशियन है, जो एक पॉर्लर में 15 हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन पर काम करती है।
...और यह हुआ फैसला:
कोर्ट ने महिला को कोई राहत देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि दंपती ने एक-दूसरे की आय का कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया है।