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महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण वक्त की जरूरत : सुप्रीमकोर्ट

सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को वक्त की जरूरत बताते हुए कहा है कि दुनिया और विशेषकर भारत में अभी भी महिलाएं कई तरह का लिंग आधारित भेदभाव झेलती हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 08:34 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 09:53 PM (IST)
महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण वक्त की जरूरत : सुप्रीमकोर्ट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को वक्त की जरूरत बताते हुए कहा है कि दुनिया और विशेषकर भारत में अभी भी महिलाएं कई तरह का लिंग आधारित भेदभाव झेलती हैं। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण तभी होगा जबकि वे उन्हें प्राप्त अधिकारों का लाभ उठा पाएं और साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त हों।

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महिला सशक्तीकरण की ये सीख न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने छत्तीसगढ़ की महिला अधिकारी ऋचा मिश्रा को डिप्टी एसपी नियुक्त करने में आयु सीमा में छूट दिये जाने का आदेश देते हुए अपने फैसले में दी है। कोर्ट ने कहा कि महिला सशक्तीकरण का मतलब है कि उन्हें आर्थिक रुप से सशक्त किया जाए। वे आत्मनिर्भर हों। उन्हें सकारात्मक सोच के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना करने लायक बनाया जाए और वे विकास की किसी भी गतिविधि में भाग लेने में सक्षम होनी चाहिए।

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पीठ ने कहा कि दुनियाभर में विशेषकर भारत में महिलाएं कई तरह की लिंग आधारित असमर्थता और भेदभाव का सामना करती हैं। यद्यपि भारत के संविधान में महिलाओं को पुरुषों के बराबर विशिष्ट दर्जा मिला हुआ है लेकिन वास्तविकता में इसे हासिल करने के लिए उन्हें अभी लंबी दूरी तय करनी है।

अब से महसूस किया जा रहा है कि महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण तभी होगा जब वे उन्हें प्राप्त अधिकारों का लाभ ले पाएं और इसके साथ ही वे आर्थिक रूप से भी सशक्त हो। पीठ ने कहा कि कुछ समय पहले तक सारा ध्यान महिलाओं के साथ अच्छे व्यवहार को लेकर था लेकिन अब जोर महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण पर है। धीरे धीरे इसका इसका दायरा बढ़ कर विकास में महिलाओं की भूमिका तक जा रहा है।

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अब सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देने वाले विकास में महिला और पुरुष दोनों की भूमिका देखते हैं। महसूस किया जाने लगा है कि महिलाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा, कमाने के मौके, और राजनैतिक भागेदारी की क्षमता विकसित करने में महिला सशक्तीकरण और आर्थिक सशक्तीकरण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।पीठ ने कहा है कि महिला और पुरुष के बीच बराबरी लाने के लिए सिर्फ आर्थिक विकास ही काफी नहीं है। महिला और पुरुष के बीच बराबरी लाने के लिए नीतिगत कार्रवाई भी जरूरी है।


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