जवान बेटे के लिए आई 'मौत' को मां ने गले लगाया
तमाम तकलीफें सहकर जिस बेटे को पाला--पोसकर एक मां ने जवान किया, उसी बेटे की जब जान पर बन आई तो मां ने बिना पल गवाएं मौत को अपने गले लगा लिया।
दमोह। तमाम तकलीफें सहकर जिस बेटे को पाला-पोसकर एक मां ने जवान किया, उसी बेटे की जब जान पर बन आई तो मां ने बिना पल गवाएं मौत को अपने गले लगा लिया। ऐसी ही हृदय विदारकघटना हिंडोरिया थाना क्षेत्र के खामखे़़डा गांव में मंगलवार को हुई।
खामखे़़डा गांव के रहने वाले गुलाब सिंह लोधी के मकान में मीटर के पास स्पार्किंग हो रही थी। इस पर उसका ल़़डका हेमराज सिंह (28) स्पार्किंग को दुरस्त करने के लिए पहुंचा। उसी समय वह करंट की जद में आकर त़़डपने लगा। ये नजारा देख मां कस्तूरबा लोधी (45) ने अपने बेटे हेमराज के हाथ से करंट का तार छीनकर अपने हाथ में ले लिया।
इस घटना में हेमराज तो बेसुध होकर गिर गया, जबकि उसकी मां कस्तूरबा चल बसी। जब हेमराज को सुध आया तो उसने चिल्लाकर आसपास के लोगों को आवाज दी और बिजली सप्लाई रकवाई। अपनी मां को मृत देख मानो उसका कलेजा फट गया। वह जोर--जोर से चिल्लाकर भगवान को दुहाई देता रहा। दो घंटे बाद छुट्टी करंट की चपेट में आने से कस्तूरबा की मौत होने के बाद उसके बेटे हेमराज को ग्रामीणों ने इलाज के लिए हिंडोरिया अस्पताल पहुंचाया। जहां पर करीब दो घंटे तक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे छुट्टी दे दी।
एकलौता ल़़डका है हेमराज ग्रामीणों के अनुसार कस्तूरबा लोधी का हेमराज इकलौता ल़़डका है, इसकी उसकी मां उसे अधिक चाहती थी। इसके अलावा हेमराज भी अपनी मां को अधिक स्नेह करता था। हेमराज की शादी होने के बाद भी वह अपनी पत्नी ममता बाई और पांच बच्चों के साथ अपने माता-पिता के साथ ही रह रहा था।
पिता के साथ मजदूरी खामखेरा गांव निवासी गुलाब सिंह और उसका बेटा हेमराज सिंह लोधी मजदूरी करते थे। इससे ही पूरे परिवार का गुजर बसर होता है। सोमवार को हेमराज मजदूरी करने नहीं गया था। वह अपने अपने ही घर में था।