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दिसंबर बाद भी जारी रह सकती है नोट निकासी की सीमा

जबकि वह नोट निकासी की मौजूदा सीमा की निर्धारित अवधि (30 दिसंबर, 2016) को आगे भी बढ़ाने को तैयार दिखता है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 08:49 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 08:59 PM (IST)
दिसंबर बाद भी जारी रह सकती है नोट निकासी की सीमा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नोटबंदी के बाद अपने ही बैंक खाते से राशि निकालने को लेकर परेशान जनता की तकलीफें अभी खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। सारी कोशिशों के बावजूद रिजर्व बैंक बाजार में पर्याप्त मात्रा में नए नोट नहीं पहुंचा पा रहा है। जबकि वह नोट निकासी की मौजूदा सीमा की निर्धारित अवधि (30 दिसंबर, 2016) को आगे भी बढ़ाने को तैयार दिखता है।

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आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल से जब यह पूछा गया कि इस अवधि के बाद लोगों को बैंक खाते से मनचाही नकदी निकालने की छूट मिल जाएगी, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मजेदार तथ्य यह है कि जब पटेल यह भी कहते हैं कि नोटबंदी का फैसला लागू करने से पहले इसके हर पहलू पर विचार-विमर्श किया गया था। इससे होने वाली परेशानियों के बारे में भी सोचा गया था।

मौद्रिक नीति की समीक्षा करने के बाद पटेल की तरफ से बुलाई गई प्रेस वार्ता संभवत: आरबीआइ के इतिहास में सबसे कम अवधि में ही समाप्त हो गई। अभी तक रिजर्व बैंक के गवर्नर हर सवाल का जवाब देते थे। लेकिन बुधवार को पटेल व उनकी टीम के लोगों ने कुछ ही देर बाद स्वयं ही उठकर प्रेस वार्ता को समाप्त कर दिया। अगर आम जनता के नजरिये से देखा जाए तो आरबीआइ की टीम ने कोई ऐसी बात नहीं कही, जिससे यह लगे कि नोट की किल्लत दूर हो जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या 30 दिसंबर के बाद नकदी निकासी पर लगी सीमा हटा ली जाएगी तो जवाब यह मिला कि अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हर पहलू को ध्यान में रखकर कोई फैसला किया जाएगा।

माना जा रहा है कि आरबीआइ गवर्नर ने हर पहलू का मतलब नए नोटों की आपूर्ति से लगाया है। नए नोटों की आपूर्ति की स्थिति यह है कि आठ नवंबर से अभी तक बाजार में चार लाख करोड़ रुपये के नए नोट जारी किए गए हैं। दस से 100 रुपये के नोटों की आपूर्ति बढ़ाई गई है। इन नोटों की आपूर्ति पिछले एक महीन में जितनी की गई है, उतनी पिछले तीन वर्षो में भी नहीं कई गई।

जबकि बाजार से 11.55 लाख करोड़ रुपये की राशि पुराने नोटों के रूप में बैंकों में जमा करवाई गई है। जब नोटबंदी लागू की गई थी तब कहा गया था कि बाजार में 500 और 1000 रुपये के करीब 15 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में हैं। बहरहाल, आरबीआइ ने यह आश्वासन जरूर दिया है कि आने वाले दिनों में 500 व 100 रुपये के नए नोटों की आपूर्ति बढ़ जाएगी।


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