अपने बर्थडे के दिन वाघेला ने छोड़ी कांग्रेस, कहा- 'अब मैं आजाद पंछी हूं'
शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस से इस्तीफे का एलान किया है। उन्होंने गांधीनगर में एक समारोह के दौरान पार्टी छोड़ने का एलान किया।
अहमदाबाद (जेएनएन)। वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने अपने बर्थडे के दिन गुजरात में कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़े रहे वाघेला ने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री वाघेला ने अपने 77वें जन्मदिवस के दिन गांधीनगर में शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ने का एलान किया। वाघेला ने कहा कि मैं आज अपने आप को कांग्रेस से मुक्त करता हूं। यही नहीं तल्ख तेवर दिखाते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि 'मैं बंधुआ मजदूर नहीं हूं, अब आजाद पंक्षी हूं'।
साथ ही वाघेला ने साफ किया कि वो किसी दूसरे दल में नहीं जा रहे हैं। वाघेला ने भाजपा व कांग्रेस की नीति पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि दोनों ही पार्टियों में वे साजिश के शिकार हुए। उन्होंने कहा राजनीति में वे सेवा करने आए हैं, लाभ हानि व दुखों की परवाह किए बिना 50 साल से लगातार दौड़ते रहा हूं। कांग्रेस कहती है कुछ बनना चाहता हूं, मैंने राजनीति में एमएलए, एमपी, सीएम बनाए हैं।
कोई भी पार्टी मुझे अनुशासन के नाम पर वश में नहीं रख सकती, कांग्रेस को चार पांच लोग अपने तरीके से चला रहे हैं, 24 घंटे पहले मुझे पार्टी से निकालकर कांग्रेस ने विनाश काले विपरीत बुद्धि का परिचय दिया है। अब मैं दलगत बंधन से मुक्त हूं, कांग्रेस को भी बंधनों से मुक्त करता हूं। वाघेला ने अपने हजारों समर्थकों के बीच कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मैंने पार्टी के हालात से अवगत करा दिया था लेकिन कांग्रेस कोई निर्णय नहीं करना चाहती है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर भाजपा से सुपारी लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि 20 साल पहले कांग्रेस उनकी पार्टी राजपा से गठबंधन करती तो शायद आज भाजपा सत्ता में नहीं होती व कांग्रेस को भी ये दिन नहीं देखने पडते। वाघेला बोले जनता मेरी अदालत है और मैं जनता के हर दर्द की मै दवा हूं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सोनिया जी भारतीय राजनीति में त्याग की मूर्ति हैं, आज कोई सरपंच, विधायक व सहकारी समिति का पद छोड़ने को तैयार नहीं होता उन्होंने पीएम पद को ठुकरा दिया, हमारे बच्चे वेस्टर्न कपडे पहनते हैं लेकिन सोनिया विदेश से आकर भी देश की संस्कृति को अपनाया। वाघेला ने कहा सोनिया ने उन पर भरोसा किया उसके लिए वे आभारी हैं साथ ही वादा भी करके आए हैं कि वे किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
शुक्रवार को जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुझे 24 घंटे पहले ही निकाल दिया है लेकिन बापू कभी रिटायर नहीं होगा।
वाघेला के इस्तीफे के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी टिप्पणी दी है। सुरजेवाला ने कहा 'वाघेला जी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही उन्हें पार्टी से निकाला गया है। वाघेला मौजूदा गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष को बदलना चाहते थे। लेकिन, पार्टी हमेशा व्यक्ति से बड़ी होती है।'
आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में वाघेला ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया था और पार्टी से नाराज वाघेला के इशारे पर कांग्रेस और राकांपा के 11 विधायकों के क्रॉस वोटिंग की थी। एक दर्जन कांग्रेस विधायक शक के दायरे में थे, जिनमें वाघेला के पुत्र महेंद्र सिंह, राघव पटेल आदि हैं।
वाघेला वोट डालने के लिए गहलोत व शक्तिसिंह गोहिल के साथ पहुंचे थे। लेकिन, कांग्रेस उनके इरादे को भांप नहीं पाई। वाघेला समय-समय पर कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराते रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस के सीएम प्रत्याशी पद की दावेदारी को लेकर चल रही खींचतान के बाद वाघेला ने पार्टी आलाकमान से दो-दो हाथ करने का खुला एलान कर दिया था। सबकी नजरें इस चुनाव पर टिकी थीं कि उनके इशारे पर कितने विधायक कांग्रेस से बगावत को तैयार हैं। राष्ट्रपति चुनाव में 11 विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट देकर खुली बगावत का संकेत दे दिया है।
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