सीमा पर संदिग्ध अवस्था में घूमते धरे गए विंग कमांडर
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में चल रही तनातनी के बीच जासूसी का दांव भी चला जा रहा है। सोमवार रात भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने वायुसेना के विंग कमांडर शशांक शेखर को संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए पकड़ा। तारबंदी से मात्र 125 मीटर दूर पकड़े गए विंग कमांडर से पूछताछ जारी ह
जयपुर [नरेंद्र शर्मा]। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में चल रही तनातनी के बीच जासूसी का दांव भी चला जा रहा है। सोमवार रात भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने वायुसेना के विंग कमांडर शशांक शेखर को संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए पकड़ा। तारबंदी से मात्र 125 मीटर दूर पकड़े गए विंग कमांडर से पूछताछ जारी है। शेखर का कहना है कि वह मानसिक रोगी हैं और रास्ता भटककर तारबंदी के पास पहुंच गए थे। अगर उनकी बात पर यकीन किया जाए तो वायुसेना पर भी सवाल उठ खड़े होते हैं। मानसिक रोग का शिकार होने के बावजूद शेखर को विंग कमांडर जैसे जिम्मेदार पद पर अब तक कैसे बहाल रखा गया? सुरक्षा एजेंसियों को उनके पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संदेह है।
विंग कमांडर शशांक शेखर को खुफिया एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ के लिए मंगलवार को जिला मुख्यालय श्रीगंगानगर लाया गया। शेखर का कहना है कि वह अंबाला में बैंक कॉलोनी में रहते हैं और अभी चंडीगढ़ में वायुसेना की एजूकेशन सेल में तैनात हैं। वह तीन प्रमोशन लेकर विंग कमांडर पद तक पहुंचे हैं। वह 23 अगस्त से अवकाश पर चल रहे हैं। शेखर के पास से 16,000 रुपये और कुछ खुले पैसे मिले। इसके अलावा आइसीआइसीआइ बैंक के नौ खाली चेक और जूते में छिपा वायुसेना का कार्ड भी बरामद हुआ। अब तक की जांच में सामने आया है कि वह चंडीगढ़ में मानसिक रोग का इलाज करवा रहे थे। हालांकि सेना, खुफिया एजेंसी और राजस्थान पुलिस अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि कहीं वह सीमा से पाकिस्तान जाने की तैयारी तो नहीं कर रहे थे। उनके मेडिकल से संबंधित कागजात जांचे जा रहे हैं।
पाक महिला को देता था जानकारी
दूसरी ओर कुछ दिनों पहले पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस पर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए जोधपुर निवासी वायुसैनिक सुनील कुमार भाटी के मामले में नई जानकारी हाथ लगी है। वह पिछले चार सालों से जासूसी कर रहा था। उस पर एक पाकिस्तानी महिला को वायुसेना स्टेशन के बारे में सामरिक जानकारी देने का आरोप है। वह इंटरनेट पर मीना रैना के रूप में पंजीकृत महिला को ई-मेल करता था। उसने जोधपुर एयरबेस के बारे में भी महिला को जानकारी भेजी थी।
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