क्या अब कभी टीम में लौट पाएगा ये महारथी ?
भारतीय टीम का एक ऐसा बल्लेबाज जिसके नाम से दुनिया के दिग्गज गेंदबाज कांपते हैं, जिसने दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों की जमकर धुनाई की चाहे वो तेज गेंदबाज हो या स्पिनर। इस खिलाड़ी के नाम एक से बढ़कर एक उपलब्धि है मगर आज वही बल्लेबाज टीम में वापसी के रास्ते तलाश रहा है मगर उसे रास्ता मिल नहीं रहा। भारत की तरफ
नई दिल्ली (संजय सावर्ण)। भारतीय टीम का एक ऐसा बल्लेबाज जिसके नाम से दुनिया के दिग्गज गेंदबाज कांपते हैं, जिसने दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों की जमकर धुनाई की चाहे वो तेज गेंदबाज हो या स्पिनर। इस खिलाड़ी के नाम एक से बढ़कर एक उपलब्धि है मगर आज वही बल्लेबाज टीम में वापसी के रास्ते तलाश रहा है मगर उसे रास्ता मिल नहीं रहा।
भारत की तरफ से टेस्ट में दो बार तिहरा शतक और वनडे में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले टीम इंडिया के महारथी वीरेन्द्र सहवाग नीली जर्सी पहनने को बेताब हैं मगर किस्मत उनके साथ नहीं दिख रही। इस वक्त सहवाग भारत में खेले जा रहे चैंपियंस लीग टी-20 मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेल रहे हैं। यानी उनके पास एक मौका है टीम में वापसी का, मगर क्या ये संभव हो पाएगा। बात करते हैं पंजाब और हरिकेन्स के बीच गुरुवार को खेले गए मुकाबले का। इस मुकाबले में पंजाब को जीत के लिए कोई बड़ा लक्ष्य नहीं मिला था, टीम के बल्लेबाजों पर कोई ज्यादा दबाव भी नहीं था मगर ओपनिंग करने आए वीरेन्द्र सहवाग ने क्रीज पर आते ही वो गलती कर दी जिसकी वजह से उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा वो भी बिना कोई रन बनाए। सहवाग अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और तेजी से रन बनाना उनकी आदत है, मगर एक ऐसे नाजुक वक्त में जब वो टीम में वापसी का रास्ता तलाश रहे हैं क्या इस तरह से बल्लेबाजी की शुरुआत करना उनके लिए सही है। बेशक पंजाब ने इस मुकाबले को जीत लिया मगर सहवाग की एक गलती ने टीम में उनकी वापसी में थोड़ी सी बाधा तो जरूर पैदा कर दी।
-सहवाग के लिए है कठिन परीक्षा
चैंपियंस लीग टी-20 मुकाबले के ठीक बाद भारतीय क्रिकेट टीम को वेस्टइंडीज के साथ धरेलू मैदान पर टेस्ट और वनडे सीरीज खेलनी है और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है। इसके ठीक बाद वर्ल्ड कप खेला जाना है। यानी साफ तौर पर सहवाग अगर चैंपियंस लीग में खुद को साबित कर पाते हैं तो कुछ बात बन सकती है, मगर वो इस एकमात्र मौके को गवां देते हैं तो टीम में वापसी का रास्ता तो मुश्किल ही लगता है।
वैसे अपने पहले ही मुकाबले में आक्रामक रुख अपनाने का नतीजा तो वो देख ही चुके हैं मगर क्या बाद में भी वो अपना यही रवैया कायम रखते हैं। जाहिर है उनके इस रवैये से दो बातें हो सकती है। पहला या तो वो काफी सफल हो जाएंगे या फिर असफल। अगर वो सफल होतें हैं तो कहानी कुछ अलग हो सकती है मगर वो असफल रहते हैं तो टीम में उनकी वापसी पर पूर्ण विराम जरूर लग जाएगा। वैसे भी 35 साल के हो चुके सहवाग के पास टीम में वापसी के लिए ना तो ज्यादा वक्त है और ना ही ज्यादा मौका।