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BJP के खिलाफ राष्ट्रीय महागठबंधन की कवायद, क्या नीतीश को मिलेगी कमान!

राष्ट्रीय पटल पर अब महागठबंधन बनाने की कवायद जोर पकड़ती जा रही है। एेसे में इस गठबंधन का नेता कौन हो? इसपर एक ही नाम सामने आ रहा है और वो है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का!

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 11:21 PM (IST)
BJP के खिलाफ राष्ट्रीय महागठबंधन की कवायद, क्या नीतीश को मिलेगी कमान!
BJP के खिलाफ राष्ट्रीय महागठबंधन की कवायद, क्या नीतीश को मिलेगी कमान!

पटना [जेएनएन]। राष्ट्रपति चुनाव से पहले महागठबंधन को आकार देने की कवायद शुरू हो गई है। भाजपा के रथ को रोकने के लिए तमाम विपक्षी पार्टियों ने एक मंच पर आने के संकेत दे दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन बनाने की वकालत करते नजर आ रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजों के बाद राजनीतिक दल मतभेद भुलाकर एक प्लेटफॉर्म पर आने के संकेत दे चुके हैं। राष्ट्रपति चुनाव से पहले सोनिया गांधी ने भी नेताओं से मुलाकात कर राजनैतिक संभावनाओं को टटोलना जारी रखा है। राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बनाने की कवायद फिर से जोर­ पकड़ती दिख रही है।

रा­ष्ट्रपति चुनाव से पहले तमाम विपक्षी दल एक प्लेटफॉर्म पर आने की ­कवायद में जुटे हैं। रा­ष्ट्रपति चुनाव के बहा­ने कांग्रेस तमाम क्षे­त्रीय दलों के नेताओं ­के साथ संपर्क साध कर संभावनाओं की तलाश में जुटी है।

उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे आने के बाद से अखिलेश और मायावती में भी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने के संकेत दिये हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की कार्यसमिति में यह संकेत दे दिया था कि गैर भाजपा और सेक्यूलर राजनीति करने वाले दलों को एक मंच पर आना होगा तभी भाजपा से मुकाबला किया जा सकता है। 

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक अपनी ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार होने का दावा नहीं ठोका है। न ही ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है।

राजीव रंजन ने कहा है कि हमारे नेता नीतीश कुमार लगातार यह कहते रहे हैं कि भाजपा की आर्थिक नाकामियों और विभाजनकारी राजनीति से निपटने के लिए तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर आना होगा। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि महागठबंधन आकार देने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है।

ऐसे आसान हुई नीतीश की राह

जेडीयू नेताओं की ओर से कई बार यह दावा किया जाता रहा है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए सक्षम उम्मीदवार हैं। चंपारण पद यात्रा के दौरान भी जदयू कार्यकर्ताओं ने अशोक चौधरी और तेजस्वी यादव की मौजूदगी में देश का पीएम कैसा हो नीतीश कुमार जैसा हो के नारे लगाए थे। नीतीश कुमार के लिए भी हां थोड़ी बहुत आसान दिखती है।

उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद अखिलेश यादव और मायावती कमजोर पड़ चुकी हैं। साथ ही  दिल्ली के महानगरपालिका चुनाव के नतीजे की बात करें तो मुख्यमंत्री केजरीवाल भी कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन का नेता होने के रास्ते में बाधाएं कम है।

बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने भी कहा है कि तमाम गैर भाजपा और सेक्यूलर दलों को भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक प्लेटफार्म पर आना होगा। प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार कौन होगा इस पर सदानंद सिंह ने कहा कि यह कोई विषय नहीं है, बाद में भी तय किया जा सकता है।

नीतीश कुमार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं और अब लालू प्रसाद यादव भी सोनिया गांधी से मिलने जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर लालू प्रसाद पर इस बात के लिए दबाव बनाया है कि वह सोनिया गांधी को इस बात के लिए मनाए कि 2019 का लोकसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाए।

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महागठबंधन बनाने की कवायद पर भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि कोई गठबंधन देश के अंदर इंडिया का मुकाबला नहीं कर सकता है। 2019 के लिए देश की जनता ने फिर से एक बार नरेंद्र मोदी को पिछले बार के मुकाबले और अधिक बहुमत देकर प्रधानमंत्री बनाने का फैसला कर लिया है। संजय टाइगर ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को उमर अब्दुल्ला की बात मान लेनी चाहिए और 2024 के लिए सोचना चाहिए।

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भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि महागठबंधन बनाने वाले को इस बात का जवाब भी देना चाहिए कि क्या ममता बनर्जी और वामदल एक साथ आएंगे। तमिलनाडु में डीएमके और एआईडीएमके पार्टी क्या एक साथ आ सकती है। तमाम सवाल ऐसे हैं जो महागठबंधन के लिए विरोधाभास पैदा करते हैं।


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