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बोइंग 737 मैक्स हादसा: जिंदगी और मौत के बीच थी बस एक स्विच की दूरी

विशेषज्ञों के मुताबिक हाल के दिनों में बोइंग के 737 मैक्स सीरीज के विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे उसके सॉफ्टवेयर की खामी जिम्मेदार है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 11:25 PM (IST)
बोइंग 737 मैक्स हादसा: जिंदगी और मौत के बीच थी बस एक स्विच की दूरी
बोइंग 737 मैक्स हादसा: जिंदगी और मौत के बीच थी बस एक स्विच की दूरी

जेएनएन, नई दिल्ली। कभी-कभी बहुत छोटी सी चूक जिंदगी और मौत के बीच के फासले को पार कर देती है। ऐसी ही चूक के चलते इथोपियन एयरलाइंस का बोइंग 737 मैक्स 8 विमान हादसे का शिकार हो गया और उसमें सवार सभी यात्रियों व चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई।

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पिछले साल अक्टूबर में इंडोनेशिया में हुए हादसे के बाद यह दूसरा हादसा था। अब तक की जांच में संकेत मिल रहा है कि दोनों हादसों में कारण लगभग एक जैसा ही था। दोनों हादसे बोइंग की ओर से अपने विमान में इस्तेमाल किए गए एक नए सॉफ्टवेयर के चलते हुए हैं। सॉफ्टवेयर को लेकर पायलटों को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिलना भी हादसे की बड़ी वजह रहा। हादसे के बाद से दुनियाभर में बोइंग के विमान जमीन पर उतार दिए गए हैं। कई एयरलाइंस ने मैक्स 8 विमानों के सौदे भी रोक दिए हैं।

बोइंग ने जब 737 मैक्स श्रेणी के विमान बनाए, तब उसका दावा था कि इसमें बड़ा और किफायती इंजन लगाया गया है। इस बड़े इंजन को 737 विमान के लो विंग्स के नीचे लगाया गया। इस जगह पर बड़ा इंजन लगाने से विमान के स्टॉल हो जाने का खतरा था।

विमान के स्टॉल हो जाने का मतलब है कि हवा में विमान की उड़ान रुक जाती है और वह नीचे की ओर गिरने लगता है। इस खतरे से बचने के लिए बोइंग ने एमसीएएस (मैन्यूवरिंग कैरेक्टरिस्टिक्स ऑगमेंटेशन सिस्टम) सॉफ्टवेयर तैयार किया। यह सॉफ्टवेयर स्टॉल की स्थिति में विमान को नीचे झुकाने और गति बढ़ाने का निर्देश देता है।

विमान में अल्फा वेन नामक एक सेंसर लगा होता है जो एंगल ऑफ अटैक (एओए) को मापता है। यह विमान में एक छोटे से विंग की तरह दिखता है और यह दो तरफ होता है। सेंसर का काम कंप्यूटर को यह बताना है कि विमान किस कोण पर उड़ रहा है। यदि विमान का एओए बहुत ज्यादा हो तो स्टॉल होने का खतरा रहता है। आमतौर पर एओए 15 से 20 डिग्री से नीचे रहता है। यदि सॉफ्टवेयर को यह लगता है कि एओए बहुत अधिक है तो एमसीएएस विमान को नीचे की ओर कर देता है।

कंप्यूटर की जीत से हार गई जिंदगियां
बीते साल अक्टूबर में इंडोनेशिया में लॉयन एयर का बोइंग 737 मैक्स विमान भी उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में किसी को नए एमसीएएस के बारे में पता नहीं था। पायलटों को इसका प्रशिक्षण नहीं मिला था।

उन्होंने विमान उड़ाया और हवा में सेंसर ने कंप्यूटर को बताया कि विमान स्टॉल हो रहा है। इसके बाद कंप्यूटर ने पायलट के बिना जाने विमान को नीचे की ओर कर दिया, जबकि उस समय पायलट विमान को ऊपर उठाने का प्रयास कर रहा था। इस संघर्ष में कंप्यूटर विजयी रहा और विमान में सवार सभी लोग मारे गए।

इस हादसे के कुछ हफ्ते बाद बोइंग ने विमान के बारे में एक अपडेट जारी किया और बताया कि विमान के एओए सेंसर में कुछ गड़बड़ी थी। कंप्यूटर को रोकने का एक तरीका यह था कि इसे एक स्विच के जरिये बंद किया जाना चाहिए था। एक स्विच की जानकारी नहीं होने से सभी विमान सवार मौत का शिकार हो गए।


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