दिग्विजय ने क्यों कहा कांग्रेस में बड़ी सर्जरी की जरूरत
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नतीजों से अलग थलग रखने की कोशिशें हो रही हैं लेकिन अंदर आग सुलग रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत की 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' कांग्रेस में लंबे समय से चल रही अंदरूनी खींचतान और मतभेद अब अपने चरम पर पहुंच चुके हैं। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने जहां थोड़ा बगावती तेवर दिखाते हुए पार्टी में 'सर्जरी' की बात कर दी है, वहीं माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और सुर मुखर हो सकते हैं। ऐसे में अब कांग्रेस में ऊपर से नीचे तक बदलाव भी दिख सकता है।
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद यूं तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नतीजों से अलग थलग रखने की कोशिशें हो रही हैं लेकिन अंदर आग सुलग रही है। राहुल गांधी के पैरोकार दिग्विजय ने ही इसका पहला संकेत दिया है। नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा- 'अब आत्मचिंतन का वक्त नहीं है। यह कार्रवाई का वक्त है। पार्टी को बड़ी सर्जरी की जरूरत है।' केरल के सांसद शशि थरूर ने भी कार्रवाई की बात की। यह सर्जरी कैसी होनी चाहिए यह तो दिग्विजय नहीं बता रहे हैं लेकिन जाहिर तौर पर वह चाहते हैं कि ऐसे लोगों को जिम्मेदार पदों से हटाया जाए तो निष्प्रभावी रहे हैं। उन्होंने कहा- 'यह सर्जन को तय करना है कि कैसी सर्जरी करनी है।'
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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस नेताओं से रिपोर्ट मांगी गई थी। दिग्विजय ने साफ कर दिया कि उस रिपोर्ट पर अब तक तो कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अन्य सवालों के जवाब में दिग्विजय ने शरद पवार, ममता बनर्जी जैसे उन पुराने नेताओं को वापस कांग्रेस में आने का निमंत्रण दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर उन नेताओं को भाजपा के खिलाफ लड़ना है तो वापस कांग्रेस में ही आना चाहिए।
सूत्रों की मानी जाए तो पार्टी के अंदर चुप्पी साधे बैठे कई नेता दिग्विजय की बातों से सहमत हैं और जरूरत पड़ी तो मुखर होकर उसे बोलने से भी नहीं हिचकेंगे। उनकी चिंता यह है कि नेतृत्व कुछ गिने चुने लोगों के मशविरे पर काम कर रहा है। जनता और कार्यकर्ता से उनकी सीधा संवाद नहीं है। इन घटनाक्रमों के बीच माना जा रहा है कि पार्टी के अंदर बदलाव के रूप में दिखे।
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कांग्रेस के पतन के लिए सोनिया और राहुल की नीति जिम्मेदार: भाजपा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अक्सर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय पर हमलावर रहने वाली भाजपा शुक्रवार को उनसे सहमत दिखी। कांग्रेस की लगातार हार को लेकर दिग्विजय की चिंता को वाजिब मानते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इसकी मुख्य वजह सोनिया और राहुल ही हैं।
श्रीकांत ने कहा कि सोनिया ने अपनी राजनीति की खातिर आतंक को भी रंग देने से मना नहीं किया। हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द गढ़े गए और झूठे मामले बनाए गए। परिवारवाद तो कांग्रेस की रगों में है। जबकि भ्रष्टाचार को संरक्षण देने में भी कांग्रेस नेतृत्व ने कोई कोताही नहीं की। यही कारण है कि देश की जनता ने भी कांग्रेस को नजरअंदाज कर दिया है और पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं ने भी। रही राहुल की बात तो वह कभी फुल टाइम पालिटीशियन बन ही नहीं पाए हैं।
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श्रीकांत ने कहा कि दिग्विजय की चिंता वाजिब है लेकिन अब देश ने कांग्रेस से आजाद होने का मन बना लिया है। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से छह राज्यों में कांग्रेस सत्ता खो चुकी है जबकि भाजपा को उन राज्यों में भी जनसमर्थन मिल रहा है जो अछूता था।