जब तक जवाब नहीं मिलता, हम मुद्दा उठाते रहेंगे: चिदंबरम
संसद का मानसून सत्र हंगामें की भेंट चढ़ गया इसके बावजूद आरोप प्रत्यारोप का दौर थमा नहीं है। लोकसभा में कल सुषमा स्वराज और अरुण जेटली द्वारा जवाब देने के बाद आज कांग्रेस ने एक बार फिर सुषमा स्वराज पर हमला बोला। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक प्रेस
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र हंगामें की भेंट चढ़ गया इसके बावजूद आरोप प्रत्यारोप का दौर थमा नहीं है। लोकसभा में कल सुषमा स्वराज और अरुण जेटली द्वारा जवाब देने के बाद आज कांग्रेस ने एक बार फिर सुषमा स्वराज पर हमला बोला। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, 'उन्होंने संसद में पूछे गए सवालों के जवाब देने के अलावा सबकुछ बताया। जब तक हमें जवाब नहीं मिलता हम मुद्दा उठाते रहेंगे।'
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि, 'अगर सुषमा स्वराज इंसानियत के नाते ही मदद करना चाहती थी तो उन्होंने ललित मोदी को भारतीय दूतावास में टेंपररी पासपोर्ट के लिए आवेदन करने को क्यों नहीं कहा जो केवल पूर्तगाल जाने के लिए वैध होता?'
चिदंबरम ने यह भी पूछा कि 'क्यों सुषमा स्वराज ने अपने मंत्रालय को इस बारे में अंधेरे में रखा? सुषमा स्वराज को ऐसा क्यों लगा कि ललित मोदी को भारत के बजाय ब्रिटिश यात्रा कागजात की जरूरत होगी?'
उन्होंने आगे कहा कि, विदेश मंत्रालय ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों नहीं की। सरकार दोनों देशों के वित्त मंत्रियों के बीच हुए पत्रचार को क्यों जारी नहीं कर रही है। सुषमा जी और जेटली जी पत्रों में से केवल कुछ शब्दों को बार-बार बोल रहे हैं बजाय पूरा पत्र जारी करने के।'
जीएसटी को लेकर चिदंबरम ने जवाब दिया कि 'अगर सरकार हमसे मिलती है और विषयों पर सहमति बनती है तो हमारी पार्टी जीएसटी को समर्थन देगी। हम भी जीएसटी चाहते हैं लेकिन अच्छा जीएसटी, मौजूदा जीएसटी नहीं जो ढेर सारी पहेलियों से भरा हुआ है।'
राजीव गांधी को लेकर चिदंबरम ने कहा कि, उन्हें अदालत से क्लीन चीट मिल चुकी थी और रही क्वात्रोच्चि की बात तो उसे एनडीए शासनकाल में ही बाहर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज देश से मांफी मांगे और जब तक हमे सवालों के जवाब नहीं मिल जाते तब तक कांग्रेस यह मुद्दा उठाती रहेगी।