जानिए विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से आई गीता को कहां भेजा?
मूक-बधिर गीता कल अपने वतन भारत वापस आ गई लेकिन गीता ने महतो परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद गीता पीएम मोदी से मिली, पीएम मोदी ने गीता को आशीर्वाद दिया और अच्छी जिंदगी की कामना भी की। वहीं, मोदी ने गीता की पाकिस्तान में देखभाल करनेविदेश
नई दिल्ली। मूक-बधिर गीता कल अपने वतन भारत वापस आ गई लेकिन गीता ने महतो परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता को इंदौर के संस्थान में भेज दिया । जिसके बाद गीता पीएम मोदी से मिली, पीएम मोदी ने गीता को आशीर्वाद दिया और अच्छी जिंदगी की कामना भी की। वहीं, मोदी ने गीता की पाकिस्तान में देखभाल करने वाली ईधी फाउंडेशन को एक करोड़ की राशि अनुदान में देने की भी घोषणा की।
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क्यों भेजा विदेश मंत्रालय ने गीता को इंदौर?
गीता को इंदौर के गुमास्ता नगर स्थित मूक-बधिर संगठन में भेजने की मुख्य वजह ये माना जा रहा है कि वहां पर गीता की पढ़ाई, वोकेशनल ट्रेनिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए भी कई सुविधाएं मौजूद हैं। यही कारण है कि विदेश मंत्रायल ने गीता के घर के रूप में चुना है। फिलहाल संस्थान में 550 मूक बधिर स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं।
कब हुई शुरुआत इस संस्थान की शुरूआत?
इस संगठन की शुरुआत 1974 में मूक-बधिर दंपत्ति द्वारा की गई जिस वक्त इस संस्थान की शुरुआत की गई यहां केवल दो कमरे ही मौजूद थे। यह संस्था अब मूक-बधिरों के स्कूल कॉलेज और हॉस्टल में बदल गई है। यह देश की एक मात्र संस्था है जहां पर मूक बधिरों के लिए नर्सरी से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई होती है।संगठन में मूक-बधिर बच्चों को एक्टिंग, स्पोटर्स, जूडो, कराते, डांस आदि गतिविधियां भी सिखाई जाती हैं। संस्था के कई छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी हो चुके हैं।
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जैसे ही यह जानकारी दी की गीता इंदौर में इस संगठन में रहेगी। उसे बाद संस्थान में खुशी की लहर दौड़ गई । इस बात को लेकर संस्थान के लोग काफी उत्साहित है।