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क्या संयुक्त होम लोन लेना समझदारी है?

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका अपना घर हो। यह पूरी तरह भावनाओं से जुड़ा मसला है। इसी तरह से होम लोन लेना किसी व्यक्ति की जिंदगी का सबसे बड़ा वित्तीय दायित्व होता है। कई बार हम अपनी जरूरत या इच्छा के मुताबिक बड़ा घर खरीदना चाहते हैं, लेकिन इसके

By Edited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 05:44 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jan 2015 05:50 AM (IST)
क्या संयुक्त होम लोन लेना समझदारी है?

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका अपना घर हो। यह पूरी तरह भावनाओं से जुड़ा मसला है। इसी तरह से होम लोन लेना किसी व्यक्ति की जिंदगी का सबसे बड़ा वित्तीय दायित्व होता है। कई बार हम अपनी जरूरत या इच्छा के मुताबिक बड़ा घर खरीदना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए हमारे पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं होते। ऐसे हालात में संयुक्त तौर पर होम लोन लिया जाता है। लेकिन इस तरह के लोन लेने से पहले आप जीवनसाथी या माता-पिता के साथ बैठकर कुछ बातों पर अवश्य मनन कर लें।

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सबसे अहम, संयुक्त तौर पर लोन तभी लेते हैं, जब व्यक्तिगत तौर पर बड़ा होम लोन लेने की स्थिति में न हों। ज्यादा राशि व लंबी अवधि तक होम लोन लेने के लिए इस विकल्प को चुना जाता है। यह लोन माता-पिता या पति या पत्नी के साथ संयुक्त दायित्व में लिया जाता है। यह साफ होना चाहिए कि भविष्य में कर्ज की अदायगी का दायित्व किस तरह से विभाजित होंगे। साथ कर्ज की राशि भले ही बढ़ जाएगी, लेकिन जब बैंक आपको संयुक्त तौर पर होम लोन देने का फैसला करेगा, तो वह दोनों के पुराने कर्ज अदायगी के इतिहास पर भी गौर करेगा।

इस कर्ज प्रक्रिया में एक मुख्य ग्राहक होता है, जो लोन लेता है। उसके साथ एक सह लोन ग्राहक जुड़ा होता है। जिसे आपने सह आवेदक बनाया है, उसके आय की राशि भी लोन के लिए योग्य राशि की गणना में जोड़ी जाती है। सह-आवेदक के बारे में फैसला करने से पहले आवेदक को उसके बैंकिंग रिकॉर्ड का पता कर लेना चाहिए। बैंक रिकॉर्ड खराब होने का असर पूरे आवेदन पर पड़ेगा। लेकिन सह-आवेदक को यह बात याद रखनी होगी कि अगर मुख्य आवेदक समय पर कर्ज नहीं चुका पाता है या वह वित्तीय सहयोग नहीं कर पाता तो लोन लौटाने की पूरी जिम्मेदारी उसी की होगी।

वह सिर्फ सह-आवेदक होने के नाते अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकता।
बैंक का कर्ज समय पर अदा नहीं होने पर दोनों आवेदकों को पकड़ा जाएगा। उन दोनों को समान तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसी हिसाब से बैंक आगे की भी कार्रवाई करेंगे। इसलिए बेहतर होगा कि दोनों पक्ष इसका हमेशा ख्याल रखें कि समय पर उनकी मासिक किस्त का भुगतान हो रहा है या नहीं।

होम लोन के लिए इनका रखें ख्याल
- दोनों आवदेकों को केवाइसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। दोनों आवेदकों को बैंक स्टेटमेंट, आय कर रिटर्न, रोजगार प्रमाणपत्र वगैरह देने होंगे। इन सभी दस्तावेजों की नवीनतम कॉपी जमा करानी होती है।
-सिबिल रिपोर्ट के बारे में लोन का आवेदन देने से पहले पता कर लेना चाहिए। अगर क्रेडिट रिकॉर्ड में किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो इसे आवेदन से पहले ठीक करवाने की कोशिश कीजिए।
-लोन लेने के बाद इसके भुगतान पर दोनों पक्षों की नजर होनी चाहिए। मासिक किस्त भुगतान में गड़बड़ी होने पर दोनों पक्षों पर असर पड़ेगा। संयुक्त लोन की शर्तों वगैरह के बारे में विस्तार से अध्ययन कर लेना चहिए।

हर्षला चांदोरकर
सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, सिबिल
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