ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी वेतन का वह हिस्सा होता है, जो कर्मचारी को उसकी सेवाओं के बदले एक निश्चित अवधि के बाद दिया जाता है। मोटे तौर पर यह रिटायरमेंट के बाद कंपनी या नियोक्ता की तरफ से कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले भुगतान होता है। कर्मचारी सेवानिवृत्ति से पहले भी कई
ग्रेच्युटी वेतन का वह हिस्सा होता है, जो कर्मचारी को उसकी सेवाओं के बदले एक निश्चित अवधि के बाद दिया जाता है। मोटे तौर पर यह रिटायरमेंट के बाद कंपनी या नियोक्ता की तरफ से कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले भुगतान होता है। कर्मचारी सेवानिवृत्ति से पहले भी कई बार नौकरी छोड़ते हैं, उस स्थिति में भी न्यूनतम सेवा योगदान देने वाले को ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।
आयकर अधिनियम की धारा 10(10) के मुताबिक किसी भी निगम या कंपनी में न्यूनतम पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने वाला हर कर्मचारी ग्रेच्युटी हासिल कर सकता है। कर्मचारी को उसकी सेवा के प्रत्येक वर्ष के बदले 15 दिनों का वेतन ग्रेच्युटी को तौर पर दिया जाता है। इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता का योग शामिल होता है। ग्रेच्युटी के तहत मिली राशि पर कर देना पड़ता है।