छेड़छाड़ की घटनाओं से निजात के लिए स्कूल प्रबंधन ने की अजीबोगरीब व्यवस्था
एक जुलाई से इस तुगलकी फरमान पर अमल भी कर दिया गया है। छात्राओं का कहना है कि आरोपी छात्रों पर कार्रवाई की जगह स्कूल प्रबंधन के इस फैसले ने उन्हें ही सजा दे डाली।
कोलकाता, ब्यूरो। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक सह-शिक्षा वाले स्कूल में छेड़छाड़ की घटनाओं से निजात पाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने तुगलकी फरमान जारी किया है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए दिनों को बांटने के साथ ही कक्षाओं को भी अलग किया गया है। आदेश के बाद अब सप्ताह में तीन दिन छात्राएं और तीन दिन छात्र पढ़ाई के लिए स्कूल जा रहे हैं। इस फरमान से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। उधर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जिला विद्यालय निरीक्षक से रिपोर्ट तलब की है।
सूत्रों के अनुसार खयरासोल ब्लॉक के वि़ड़रा उच्च विद्यालय में छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ते हैं। 11वीं कक्षा में छात्र-छात्राओं की संख्या 238 और 12वीं में यह 228 है। आरोप है कि स्कूल चलने के दौरान छात्र अश्लील वीडियो देखने के साथ ही आए दिन छात्राओं से छेड़छाड़ करते हैं। शिकायत मिलने पर स्कूल प्रबंधन ने जांच की तो आरोप सही निकले। संचालन समिति की बैठक में भी मामले पर चर्चा की गई। तय किया गया कि सप्ताह में सोमवार, बुधवार, शुक्रवार छात्र तथा मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को छात्राएं शिक्षा ग्रहण करेंगी। इसके अलावा छात्र-छात्राओं की कक्षाएं भी अलग-अलग करने का निर्णय लिया है।
एक जुलाई से इस तुगलकी फरमान पर अमल भी कर दिया गया है। छात्राओं का कहना है कि आरोपी छात्रों पर कार्रवाई की जगह स्कूल प्रबंधन के इस फैसले ने उन्हें ही सजा दे डाली, जबकि कुछ छात्रों का कहना है आरोपी छात्रों को बचाने के प्रयास में सभी की पढ़ाई मुश्किल में डाल दी गई।
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